भोपाल, 8 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में रविवार देर शाम कालिदास अकादमी के मुक्ताकाशी मंच से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने ‘पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएंगे’ प्रस्तुत किया। इसके बाद सुमन साहा (कोलकाता) निर्देशित गुरु दक्षिणा महानाट्य का मंचन होगा। यह नाट्य भगवान श्रीकृष्ण-गुरू सांदीपनि के आख्यान पर आधारित है।
गीता जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश में संस्कृति विभाग और महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया है। उज्जैन में आयोजित यह पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 12 दिसंबर तक चलेगा। इसमें गौ, गोपाल और श्रीमद् भागवत पुराण आधारित चित्रों की प्रदर्शनी लगाई है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण और गीता पर आधारित प्रदर्शनी में 270 चित्रों को प्रदर्शित किया है। साथ ही कृष्णायन नाटक, गीता आधारित प्रतियोगिताएं और श्रीकृष्ण भजनों की प्रस्तुति होगी।
महोत्सव में 9 दिसंबर को संजीव मालवीय निर्देशित महानाट्य कृष्णायन की प्रस्तुति होगी, जबकि 10 दिसंबर को प्रात: 10 बजे गीता आधारित प्रतियोगिताएं होगी। इसी दिन 11 बजे से श्रीमद् भगवद् गीता आधारित संगोष्ठी का आयोजन होगा, जिसमें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ अपना वक्तव्य देंगे। सांस्कृतिक संध्या में गायिका कलापिनी कोमकली श्रीकृष्ण पर केंद्रित भजन प्रस्तुत करेंगी। इसके बाद कुमार शर्मा एवं दल द्वारा श्रीकृष्ण: अनेक नाम-अनेक धाम नृत्य नाटिका को प्रस्तुत करेंगे।
11 दिसंबर को प्रवचन, 5108 आचार्यों द्वारा गीता पाठ, मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा की मोटिवेशनल स्पीच, श्रीमद भगवद् गीता एवं मूल्य आधारित शिक्षा प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण, श्रीगणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता, भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध आयाम, समय का भारतीयकरण पुस्तकों एवं श्रीमद्भ भगवद् गीता पाठ पर आधारित वीडियो का लोकार्पण, सुदर्शन चक्र की संगीतमय यात्रा-श्रीकृष्ण गाथा नृत्य नाट्य की प्रस्तुति होगी। वहीं, 12 दिसंबर: प्रात: 8 बजे से सम्पूर्ण गीता पाठ एवं यज्ञ किया जाएगा।
(Udaipur Kiran) तोमर