चंबा, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । जन्माष्टमी से शुरू हुई मणिमहेश यात्रा राधाष्टमी के शाही न्हौण के साथ बुधवार को आधिकारिक तौर पर संपन्न हो गई। राधाष्टमी पर शिव चेलों की डल तोड़ने की परंपरा के साथ जहां एक लाख श्रद्धालुओं ने डल झील में स्नान किया। तो वहीं जन्माष्टमी से राधाष्टमी तक चली इस पवित्र मणिमहेश यात्रा के दौरान इस साल छह लाख से अधिक अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु पहुंचे। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पैदल आवाजाही के साथ-साथ काफी तादाद में श्रद्धालुओं ने हैलीकॉप्टर के माध्यम से भी मणिमहेश यात्रा करके भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया है।
उम्मीद से काफी ज्यादा श्रद्धालुओं के इस साल आने की वजह से मणिमहेश यात्रा पर पहुंचे लोगों को जहां जाम की स्थिति से जूझना पड़ा तो वहीं बारिश की वजह से मणिमहेश के रास्ते में पड़ने वाले नालों का जलस्तर बढ़ने की वजह से श्रद्धालुओं को खुद अपना रास्ता बनाकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। कुल मिलाकर खट्टी मीठी यादों के साथ जन्माष्टमी से राधाष्टमी तक चली मणिमहेश यात्रा के आख़िरी दिन डल टूटने की परंपरा का निर्वहन होते ही मणिमहेश यात्रा अधिकारिक तौर पर संपन्न हो गई।
उधर, उपायुक्त मुकेश रेपसवाल कहा कि जन्माष्टमी से राधाष्टमी तक चली मणिमहेश यात्रा बुधवार को हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गई। उन्होंने बताया कि राधाष्टमी पर एक लाख श्रद्धालुओं ने डल झील पर स्नान किया है। इसके अलावा जन्माष्टमी से राधाष्टमी तक 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के मणिमहेश यात्रा पर पहुंचने का अनुमान है।
(Udaipur Kiran) /सोमी
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(Udaipur Kiran) / सोमी प्रकाश भुवेता