
कोलकाता, 27 मई (Udaipur Kiran) । राज्य प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े सुर्खियों में रहे नियुक्ति घोटाले में जेल से जमानत पर छुटने के कुछ समय बाद उनका नाम एक नए मामले में सामने आया है और माणिक भट्टाचार्य फिर से विवादों के घेरे में फंस चुके हैं। कूचबिहार जिले के माथाभंगा थाने में माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ एक नया मामला दर्ज हुआ है।
दर्ज मामले के अनुसार, एक शिक्षक दंपति के माध्यम से माणिक भट्टाचार्य पर 16 लाख रुपए लेकर नौकरी दिलाने का आरोप लगा है। जिस दंपति ने आरोप लगाया है उनके पास इस मामले में बातचीत की रिकॉर्डिंग भी अदालत में सौंपी गई है, जिससे मणिक का नाम लिए जाने का दावा किया गया है ।
इस मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की एकल पीठ ने गर्मी की छुट्टियों के बाद होने वाली अगली सुनवाई में पुलिस से जांच प्रक्रिया की रिपोर्ट मांगी है। इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान माणिक भट्टाचार्य स्वयं अदालत में पेश हुए और शिक्षक दंपति से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया। उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है, उन्होंने इस मामले को किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने का विरोधी नहीं किया।
गौरतलब है कि पुराने शिक्षक नियुक्ति घोटाले में माणिक भट्टाचार्य और उनके परिवार ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामले से राहत पाने के लिए भी हाई कोर्ट का रुख किया था। इस मामले में उन्हें लगभग 23 महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें सितंबर 2024 में जमानत मिली थी इस मामले में उन्हें अक्टूबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था । उनकी पत्नी शतरूपा और बेटे सौविक भट्टाचार्य ने भी ईडी के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए मामले को खारिज करने की अपील की है।
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि शुरू में शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी लेकिन बाद में मामला को गंभीर होते देख प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही शिक्षक दंपति को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन फिलहाल वह भी जमानत पर है।
शिक्षक नियुक्ति घोटाले की परतें दर पर दर खुल रही है और मणिक भट्टाचार्य से जुड़ा ताजा मामला राज्य की राजनीति और शिक्षा व्यवस्था में एक बार फिर से हलचल पैदा कर रहा है। अब गर्मी के छुट्टियों के बाद होने वाली अगली सुनवाई में हाई कोर्ट का रुख और पुलिस की जांच प्रक्रिया का रिपोर्ट इस प्रकरण में अहम साबित हो सकती है ।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
