सोनीपत, 28 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
नेपाल केसरी, राष्ट्र संत, मानव मिलन के संस्थापक डॉ श्री
मणिभद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि वर्तमान में जीने सीखंे खुशहाल रहेंगे।
जीवन में
हर इंसान को अपनी यात्रा के दौरान कई अनुभवों का सामना करना पड़ता है। हम अक्सर अपनी
उम्मीदों के साथ जीते हैं, लेकिन कभी-कभी यह उम्मीदें निराशा में बदल जाती हैं। उम्मीदें
महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमें इन्हें संतुलित रूप से देखना चाहिए।
डॉ श्री मणिभद्र मुनि
जी महाराज शहर की गुड मंडी स्थित श्री एसएस जैन सभा जैन स्थानक में आयोजित चातुर्मास
के दौरान भक्तजनों को संबोधित कर रहे थे।
डॉ श्री मणि भद्र मुनि जी महाराज ने कहा कि उम्मीदें हमें
आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। जब हम किसी लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो उम्मीदें हमें
शक्ति देती हैं। लेकिन जब ये उम्मीदें टूटती हैं, तो यह हमें निराशा की ओर ले जाती
है। मौत का विचार डरावना होता है।
हम सचाई से मुंह मोड़ना चाहते हैं, लेकिन मृत्यु
हर एक व्यक्ति के जीवन का अंत है, सत्य है। हमें अपने जीवन को कैसे जीना चाहिए। मृत्यु
के निकट आने पर हम अक्सर अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करते हैं। यह समझें कि हर
क्षण कीमती है। इसलिए, हमें अपनी उम्मीदों को छोड़कर, वर्तमान में जीना है। अनिश्चितताओं
के बीच, मृत्यु के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। हर दिन एक नया अवसर है, और हमें
इसे अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए उपयोग करना है। मृत्यु के निकट होने पर भगवान
का नाम लेना हमें शक्ति और साहस प्रदान करता है। सब मिलकर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा
में आगे बढ़ाएं।
—————
(Udaipur Kiran) परवाना