पटना, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कोल्ड स्टोरेज मालिकों के साथ बुधवार को बैठक की। ये बैठक बंद हो रहे कोल्ड स्टोरेज को लेकर की गई। कृषि मंत्री ने कोल्ड स्टोरेज मालिकों की समस्या सुनी। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के फसल को बचाने की अवधि के लिए कोल्ड स्टोरेज को और बेहतर किया जा रहा है। किसान आर्थिक रूप से और सशक्त हों इसके लिए कोल्ड स्टोरेज को और सुदृढ़ करने की जरूरत है। बड़े कोल्ड स्टोरेज नहीं छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज भी किसानों के लिए बहुत जरूरी है।
मंगल पांडे ने कहा कि राज्य में कोल्ड स्टोरेज की संख्या पहले से कम हुई है। कोल्ड स्टोरेज मालिकों की समस्या को दूर करने के लिए सरकार काम कर रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि कोल्ड स्टोर इकाई स्थापना में 25 लाख रुपये का खर्च आता है। सरकार कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर 12.50 लाख रुपये खर्च दे रही है। उन्होंने कहा कि बारिश नहीं होने के कारण किसानों को डीजल अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 150 करोड़ रुपये की राशि डीजल अनुदान के लिए सरकार खर्च कर रही है। सरकार ने डीजल अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि बिहार के 18 जिलों में 60 प्रतिशत से अधिक धान की रोपनी हो चुकी है लेकिन अन्य जिलों में बारिश कम होने से धान की रोपनी प्रभावित हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विशेष रूप से विभाग को किसानों को डीजल अनुदान देने के लिए निर्देशित किया है। जल्द से जल्द किसानों को डीजल अनुदान मिले इसके लिए विभाग आवेदन पर कार्रवाई शुरू कर चुकी है।
इस बैठक में खुलासा हुआ कि बिहार में 12 ऐसे जिले हैं, जहां पहले तो कोल्ड स्टोरेज था, अब बंद हो गए। इनमें मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल और शिवहर शामिल हैं। बिहार में कुल 202 कोल्ड स्टोरेज हैं, जिसमें 12.30 लाख मैट्रिक टन फसल सुरक्षित रखे जा रहे हैं। पांच कोल्ड स्टोरेज को-ऑपरेटिव समिति के हैं जबकि 197 कोल्ड स्टोरेज निजी हैं।
(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी / चन्द्र प्रकाश सिंह