
मन्दसौर, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । मानवता के उद्घोषक संत परम्परा के महान योगी परम ज्ञानी सामाजिक परिवर्तन के महानायक समाज में व्याप्त कुरूतियों को दूर करने वाले संत शिरोमणी रविदासजी की 648वीं जयंती बुधवार को मेघवाल समाज, अहीरवार समाज, जाटव समाज आदि सामाजिक संगठनों ने सामूहिक रूप से मनाई गई। संत शिरोमणी रविदास जी का चल समारोह रविदास दरवाजा, नरसिंगपुरा मंदसौर से रथ में रविदासजी का छायाचित्र के साथ सुसज्जीत होकर नगर के प्रमुख मार्ग, घण्टाघर, नयापुरा रोड़, कालाखेत, भारतमाता चौराहा, बस स्टेण्ड होकर गांधी चौराहा पहुंचा। जुलूस के आगे बैण्डबाजे एवं ढोल नगाड़े के साथ महिलाएं कलश धारण कर नाचते गाते चल समारोह की शोभा बड़ा रही थी।
विशाल चल समारोह का मेघवाल समाज संघ मध्यप्रदेश के तत्वावधान में एवं मेघवाल साख सहकारी संस्था मर्यादित मंदसौर के पदाधिकारियों द्वारा संत शिरोमणि रविदास के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। तथा चल समारोह पर पुष्प वर्षा की गई एवं समारोह में चल रहे महिलाओं एवं पुरूषों एवं बच्चों को फल एवं पानी के पाउच वितरित किये गये। संगठन के पदाधिकारियों को बेच लगाकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर मेघवाल समाज संघ म.प्र. के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर राठौर, उपाध्यक्ष शंकरलाल बामरिया, प्रदेश सचिव एवं जिलाध्यक्ष के.सी. सौलंकी, पूर्व तहसीलदार ब्रजलाल बामनिया, शंकरलाल राठौर, रतनलाल बसेर, डॉ. देराम कस्तुरिया, रघुनंदन श्रीमाल, आशीष चौरड़िया, राधेश्याम कमलवा, श्रीमती देवकन्या बसेर, बालाराम दरिंग आदि रविदास जयंती के अवसर पर संत शिरोमणी के विचारों, समतामूलक समाज की अवधारणा पर अमल करने एवं जातपात भेदभाव, ऊँच नीच मिटाकर आपसी भाईचारा बड़ाने के विचारों पर बल दिया। वक्ताओं ने कहा कि उनके आदर्शों को जीवन में उतारना होगा, तभी वाणी कारगर होगी।
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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया
