मंदसौर, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । ठंड में जरुर कमी आई है, लेकिन बीमारी से निजात नहीं मिली है। हम बात कर रहे हैं निमोनिया की। बच्चों को सर्दी, जुकाम के साथ ही बुखार व सांस लेने में समस्या बढ़ रही है। कुछ बच्चों को ओपीडी में उपचार के बाद भर्ती करने की स्थिति भी बन रही है। चिकित्सकों के अनुसार 0-1 वर्ष के बच्चों में सबसे ज्यादा निमोनिया की शिकायत आ रही है। जिन्हें ठीक होने में 10-15 दिन लग रहा है। इसके साथ ही ठंड की चपेट में आने से बड़े बच्चों में दस्त, बुखार, सर्दी जुखाम की शिकायत सबसे ज्यादा आ रही है। जिन्हें उपचार के बाद ठंड से बचाव के लिए जरूरी सलाह दी जा रही है। वहीं गंभीर बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
निमोनिया में यह होती है परेशानी
चिकित्सकों के अनुसार बच्चों को निमोमिया होने पर तेज बुखार आने की शिकायत, इसके अलावा पहले सूखी खांसी फिर बाद में बलगम के साथ खांसी आना, सांस लेने में परेशानी होना या फिर सांस लेने में दर्द का घटना या बढना। बच्चों को भूख न लगना, थकान महसूस करना एवं खेल में रुचि न लेना जैसी अन्य समस्या निमोनिया पीड़ित बच्चों को हो सकती है।
ठंड से बचाव ही निमोनिया का उपचार
चिकित्सकों के मुताबिक निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाकर रखना चाहिए, ताजा व गरम भोजन के साथ पेय पदार्थ देना चाहिए, कई लेयर में कपड़ा पहनाना चाहिए, जिससे शरीर को ठंड नहीं लगती, बच्चों को भरपूर पोषण आहार देना चाहिए। शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने तरल पदार्थ का सेवन कराना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया