Madhya Pradesh

मंदसौरः गांधी सागर अभयारण्य में सीएम ने पावक और प्रभास को बाड़े में छोड़ा

गांधी सागर अभयारण्य में सीएम डॉ. यादव ने पावक और प्रभास को बाड़े में छोड़ा, पिंजरे से निकलते ही चीतों ने लगाई दौड़

मंदसौर, 20 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिले का गांधी सागर अभयारण्य चीतों का नया घर बन गया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने रविवार शाम को पावक और प्रभास नाम के दो चीतों को अभयारण्य के बाड़े में छोड़ा। पिंजरा खुलते ही एक एक करके दोनों ही चीतों ने बाड़े में दौड़ लगा दी। पावक और प्रभास दोनों ही चीतों को कूनो नेशनल पार्क से गांधी सागर अभयारण्य लाया गया हैं। नर चीते पावक और प्रभाष करीब 6-6 साल के हैं। इन दोनों को दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी 2023 को लाया गया था।

श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क से रविवार सुबह 8 बजे गांधी सागर के लिए चीतों को लेकर टीम रवाना हुई थी, जो दोपहर करीब 4 बजे गांधी सागर पहुंची। दोनों को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में रखा गया था। ये वही पिंजरे हैं, जिन्हें चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाने के लिए तैयार किया गया था। वातानुकूलित गाड़ी में दोनों को अलग-अलग पिंजरे में रखा गया था। ये चीते राजस्थान के कोटा, झालावाड़ होते हुए 8 घंटे में 360 किलोमीटर की दूरी बिना रुके तय कर गांधी सागर पहुंचे। यहां इन्हें 6 वर्ग किमी के बाड़े में छोड़ा गया। गांधी सागर अभयारण्य में वन विभाग ने चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है। यहां 8 से 10 चीतों को बसाने की व्यवस्था की गई है।

अभयारण्य के 90 चीता मित्र कूनो में हो चुके ट्रेंड

गांधी सागर अभयारण्य के रेंजर अंकित सोनी ने कहा कि 90 प्रशिक्षित लोगों की टीम चीतों की देखरेख करेगी। इनकी ट्रेनिंग कूनो सैंक्चुरी में पूरी हो चुकी है। वन विभाग ने 16 किलोमीटर में एक परिक्षेत्र बनाया है, जिसमें चीतों को सुरक्षित रखा जाएगा। पानी की विशेष व्यवस्था के लिए सैंक्चुरी एरिया में तालाब बनाए गए हैं।

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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया

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