कोलकाता, 28 नवंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। गुरुवार को विधानसभा में उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर राज्य सरकार से कोई चर्चा नहीं की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसी भी धर्म पर अत्याचार का समर्थन नहीं करेगी और वक्फ जमीनों को हटाने के लिए बुलडोज़र का उपयोग नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां संघीय ढांचा है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ विधेयक संविधान के मौलिक सिद्धांतों और संघीय ढांचे के खिलाफ है। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जो कुछ 1934 में हुआ, वह अब चर्चा का विषय नहीं होना चाहिए।
भाजपा विधायक शिखा चटर्जी द्वारा पूछे गए सवाल पर ममता ने बताया कि वक्फ बोर्ड ने जमीनों के कब्जे से जुड़े मामलों को ट्रिब्यूनल में पेश किया है। उन्होंने कहा कि जमीनों को वापस पाने के लिए नोटिस भी जारी किए गए हैं। लेकिन बुलडोज़र से कब्जा हटाने की सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी।
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अल्पसंख्यकों के लिए विकास कार्य
ममता बनर्जी ने अपने कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि पहले अल्पसंख्यक बजट 472 करोड़ रुपये था, जो अब 10 गुना बढ़ा है। उन्होंने बताया कि राज्य के 19 जिलों में अल्पसंख्यक केंद्र खोले गए हैं। ममता ने यह भी बताया कि मंडल आयोग की सिफारिशों के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का कड़ा विरोध किया है। पार्टी का मानना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन है। तृणमूल ने इसे लेकर विधानसभा में प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है। हालांकि, यह विधेयक के रूप में आएगा या प्रस्ताव के रूप में, इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि पिछले सत्र में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन के लिए यह विधेयक पेश किया था। इसे विवादास्पद बताते हुए स्पीकर ओम बिड़ला ने इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा था। समिति की तीन महीने की समय सीमा 29 नवंबर को खत्म हो रही है। हालांकि, सभी पक्षों की राय नहीं ली जा सकी है, जिसके चलते समिति की समय सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही है।
जेपीसी की बैठक में तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली के बीच तीखी बहस भी हुई। इसी दौरान गुस्से में आकर कल्याण ने एक कांच की बोतल तोड़ दी, जिससे उनका हाथ कट गया।
मुख्यमंत्री ने वक्फ विधेयक पर अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि तृणमूल न केवल इसका विरोध करेगी, बल्कि अन्य विपक्षी दलों को भी इस मुद्दे पर एकजुट करेगी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर