कोलकाता, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । 48वें अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले का विधिवत शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार अपराह्न मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर ममता बनर्जी ने कोलकाता की पहचान बन चुके नीले-सफेद रंग को लेकर दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा, जब मैंने सड़कों को नीले-सफेद रंग में रंगना शुरू किया, तो लोग मजाक में कहते थे कि मैं अर्जेंटीना की समर्थक हूं। लेकिन मेरे लिए नीला और सफेद आसमान का रंग है, जिसकी कोई सीमा नहीं होती। रंगों की भी कोई सीमा नहीं होती। हर रंग अपने आप में खूबसूरत होता है।
दरअसल अर्जेंटीना के फुटबॉल टीम की जर्सी और राष्ट्रीय ध्वज का रंग भी नीला और सफेद है। हालांकि, राज्य सरकार के रंग और अर्जेंटीना के ध्वज में पूरी समानता नहीं है, फिर भी कई लोग इन दोनों के बीच साम्य महसूस करते हैं। ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद, 2011 में कोलकाता की सड़कों को नीले-सफेद रंग में रंगने की शुरुआत हुई थी। उसी साल अर्जेंटीना की फुटबॉल टीम, जिसमें लियोनेल मेस्सी भी शामिल थे, कोलकाता के युबा भारती स्टेडियम में एक प्रदर्शनी मैच खेलने आई थी। उस समय राज्य के खेल मंत्री मदन मित्रा ने मजाक में कहा था कि मेस्सी ने कोलकाता की सड़कों को देखकर इसे अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स समझ लिया था।
इस वर्ष कोलकाता पुस्तक मेले का थीम देश जर्मनी है। कार्यक्रम में मौजूद जर्मनी के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, आपके फुटबॉल खिलाड़ियों को मेरी बधाई दें। हम भी फुटबॉल को बहुत पसंद करते हैं। हमारे यहां कई बड़े क्लब हैं। उद्घाटन समारोह में भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप आकरमान और ग्योटे इंस्टीट्यूट के दक्षिण एशिया निदेशक मार्ला स्टुकेनबर्ग उपस्थित रहे। इस मौके पर साहित्य में उनके योगदान के लिए लेखक अबुल बशार को सम्मानित किया गया।
मुख्य मेले के उद्घाटन से पहले ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस के पवेलियन और तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र के स्टॉल का उद्घाटन किया। इस बार पार्टी के स्टॉल को मिट्टी के घर की थीम पर तैयार किया गया है, जहां अर्जुन के पेड़ और दीवारों में बने खानों में किताबें सजाई गई हैं। ममता ने बताया कि इस बार स्टॉल का थीम ‘मां-माटी-मानुष’ है, जो तृणमूल का प्रसिद्ध नारा भी है।
पुस्तक मेले के मंच से ममता बनर्जी ने अपनी तीन नई किताबें भी लॉन्च कीं। इनमें ‘लिपिबद्ध’, ‘सैल्यूट-2’ और ‘बंगाल में चुनाव और हम’ शामिल हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर