कोलकाता, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कोलकाता में सोमवार को आयोजित विजय दिवस समारोह में ममता बनर्जी ने जय बांग्ला’ का नारा लगाया। सोमवार को रेस कोर्स में समारोह में शामिल होकर उन्होंने मुक्ति संग्राम में भारतीय सेना की बहादुरी का सम्मान किया। मुख्यमंत्री बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता को नमन करना नहीं भूलीं। भाषण के अंत में ममता ने ऊंची आवाज में ‘जॉय बांग्ला’ का नारा भी दिया जो बांग्लादेश की हालिया स्थिति में महत्वपूर्ण है।
वर्ष 2020 में, बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने ‘जय बांग्ला’ को राष्ट्रीय नारा घोषित किया। हालांकि, ‘जय बांग्ला’ को राष्ट्रीय नारा बनाने के ऐतिहासिक फैसले को हसीना के बाद बांग्लादेश में खारिज कर दिया गया है। आसान शब्दों में कहें तो बांग्लादेश में ‘जय बांग्ला’ नारे पर प्रतिबंध लगने जा रहा है। यूनुस बंगबंधु मुजीब को व्यावहारिक रूप से खत्म करने को व्याकुल हैं क्योंकि जय बांग्ला कोई साधारण नारा नहीं, बल्कि बंगाली जातीयता का प्रतीक है। यह मुक्ति संग्राम में बंगाली योद्धाओं की बहादुरी का एक स्मारक भी है। बंगाल में विजय दिवस समारोह में ममता बनर्जी ने व्यावहारिक तौर पर इसकी याद दिलाई।
इस दिन मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। जब मैं कक्षा दो-तीन में था, तब उनकी मृत्यु हो गयी। लेकिन वो हर दिन मुझे बताते थे कि 1965 में भारत-चीन युद्ध में हमारी सेना ने कैसे काम किया था।
लता मंगेशकर के गाने को याद करते हुए ममता ने कहा, ”वह परिचित गाना याद आ रहा है। जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी। लताजी आज नहीं रहीं लेकिन हमारे शहीद जवानों के लिए गाया उनका ये गाना हमेशा अमर रहेगा।” भाषण के अंत में मुख्यमंत्री ने ‘जय बांग्ला’ का नारा दिया।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय