West Bengal

काज़ी नज़रुल इस्लाम की जयंती पर ममता बनर्जी ने दी श्रद्धांजलि, गिनाईं राज्य की पहलें

कवि नज़रुल

कोलकाता, 26 मई (Udaipur Kiran) ।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विद्रोही कवि काज़ी नज़रुल इस्लाम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने नजरुल की कविता, “मोरा एक बाग के दो फूल हिंदू-मुसलमान”, का जिक्र करते हुए और कवि को संकटों में पथ-प्रदर्शक बताया।

मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि राज्य सरकार ने आसनसोल में काज़ी नज़रुल विश्वविद्यालय की स्थापना की, अंडाल के ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का नाम उनके नाम पर रखा और कोलकाता में ‘नज़रुल तीर्थ’ व ‘काज़ी नज़रुल इस्लाम अकादमी’ की स्थापना की है। साथ ही, कवि पर आधारित कई शोध-ग्रंथ भी प्रकाशित किए गए हैं।

काज़ी नज़रुल इस्लाम का जन्म 24 मई 1877 को पश्चिम बंगाल के चुरुलिया गांव में हुआ था। वे अपने विद्रोही तेवर, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए जाने जाते हैं। उनकी प्रसिद्ध कविता ‘विद्रोही’ ने उन्हें जनकवि बना दिया। वे लेखन, संगीत और स्वतंत्रता संग्राम तीनों क्षेत्रों में सक्रिय थे।

बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि नज़रुल ने हजारों गीतों की रचना की, जिन्हें ‘नज़रुल गीति’ के नाम से जाना जाता है। 1976 में उनका निधन हुआ और उन्हें ढाका विश्वविद्यालय परिसर में दफनाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कवि नजरुल हमारे लिए नित्य-स्मरणीय हैं, संकटों में कर्णधार हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

Most Popular

To Top