कोलकाता, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को मुड़ीगंगा नदी पर बनने वाले नए पुल का नामकरण करते हुए इसे ‘गंगासागर मेला सेतु’ नाम दिया। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि यह चार लेन का पुल अगले चार वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा। इस पुल के निर्माण से गंगासागर मेले के दौरान श्रद्धालुओं को कापिल मुनि आश्रम तक पहुंचने में होने वाली समस्याओं से राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने नवान्न सभागार में आयोजित बैठक में इस परियोजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस पुल का निर्माण राज्य सरकार द्वारा 15 सौ करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गंगासागर मेले की पूरी लागत राज्य सरकार उठाती है, जबकि केंद्र से कोई सहायता नहीं मिलती।
पुल निर्माण की योजना श्रद्धालुओं को गंगासागर तक पहुंचाने की कठिनाई को देखते हुए बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है और काम जल्द शुरू होगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने मेले के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की जानकारी दी। राज्य सरकार दो हजार 250 सरकारी और 250 निजी बसों का संचालन करेगी। जलमार्ग से यात्रा के लिए 32 बड़े जहाज, 100 बार्ज और 900 छोटे जहाज उपलब्ध कराए जाएंगे। इन जहाजों में सैटेलाइट ट्रैकिंग की व्यवस्था भी होगी। श्रद्धालुओं को एकल टिकट प्रणाली के माध्यम से सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने भारतीय रेलवे से गंगासागर मेले के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने का भी अनुरोध किया है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे ताकि तीर्थयात्रा सुगम और सुरक्षित हो सके।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर