Uttrakhand

गांवों में माल्टा, नींबू, गलगल बनेंगे ग्रामीणों की आजीविका का जरिया

प्रतीकात्मक चित्र

रुद्रप्रयाग, 20 मार्च (Udaipur Kiran) । वन प्रभाग के सिंगोली-भटवाड़ी कैट प्लान के तहत लस्तर हिलाईं फार्मर्स कंपनी काश्तकारों से संपर्क कर उनसे उत्पाद खरीदेगी। आगामी अक्तूबर से कंपनी, काश्तकारों से माल्टा, नींबू, गलगल, नारंगी की खरीद करेगी। सरकार द्वारा तय मूल्यों पर ही यह उत्पाद खरीदे जाएंगे। साथ ही कंपनी, चौलाई, मंडुवा, झंगोरा सहित अन्य उत्पाद भी काश्तकारों से खरीदकर उसे बाजार तक पहुंचाएगी। इस पहल से जहां ग्रामीण स्तर पर ग्रामीणों को अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा। वहीं, खेती के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

यही नहीं, कंपनी द्वारा वन विभाग के साथ ग्रामीणों को समय-समय पर फल प्रसंस्करण प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसमें उन्हें अचार, पापड़, जैम, नमकीन आदि बनाना सिखाया जाएगा। काश्तकार संगीता देवी, राजेश्वरी देवी, वन पंचायत सरपंच जगदीश सिंह, पूजा देवी, सुशीला देवी का कहना है कि लस्तर हिलाईं फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी ने उन्हें फल प्रसंस्करण प्रशिक्षण भी दिया गया।

उन्होंने बताया कि, काश्तकारों के उत्पादों को बाजार मिलता है और उनकी आजीविका मजबूत होने से गांवों से पलायन भी कम होगा। इधर, कंपनी के निदेशक सतीश भट्ट ने बताया कि इस वर्ष से माल्टा, नींबू, गलगल की खरीद के लिए संपर्क किया जाएगा। साथ ही आगामी वर्ष से केदारनाथ यात्रा केा ध्यान में रखते हुए चौलाई की खरीद की जाएगी। काश्तकार या ग्रामीण अपने घरों में अन्य उत्पाद तैयार कर रहे हैं, उन्हें भी कंपनी बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगी।

(Udaipur Kiran) / दीप्ति

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