नवादा,16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नवादा से बुधवार को बाबा साहब संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और आईपीएफ के नेता सुरेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि के साथ माले की बदलो बिहार न्याय यात्रा की शुरु हुई।
मौके पर माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज से बदलो बिहार न्याय यात्रा शुरू की हैं। 26 अक्टूबर को पटना पहुंचेंगे। 27 को मिलर हाई स्कूल में न्याय सम्मेलन होगा। नए बिहार के निर्माण की चल रही लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए न्याय सम्मेलन में शामिल होने की अपील करने आए हैं।
माले महासचिव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार को बदलना है। हमें नया बिहार चाहिए। बाबा साहब ने जो संविधान दिया था उस संविधान में हिंदुस्तान के सभी नागरिकों से यह वादा किया गया था इसमें कोई धार्मिक भेदभाव नहीं होगा, जाति के नाम पर भेदभाव नहीं होगा। आपकी भाषा कुछ भी हो, आपकी बोली कुछ भी हो,आपका धर्म कुछ भी हो, आप कुछ भी खाते हो, कोई फर्क नहीं पड़ता है. हिंदुस्तान का संविधान गारंटी करेगा कि भारत के तमाम नागरिकों को बराबरी का हक मिले, सबके लिए बराबरी, सबके लिए सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय का लक्ष्य संविधान के पहले पन्ने पर है। गरीबों पर बुलडोजर चल रहा है। दलितों पर हमले हो रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है और ऐसे बिहार में अगर हमें विकास चाहिए, हमें न्याय चाहिए, हमें रोजगार चाहिए तो हमें इस बात की गारंटी करनी होगी कि गरीबों को बांटने की किसी भी साजिश को चकनाचूर कर देना है।
उन्होंने कहा कि नवादा के कृष्णानगर में 1966 से बसे हुए 80 घरों को बेदखल करने की कोशिश बहुत पुरानी है। 2023 में भी एकबार हमला हुआ था, और इस साल 18 सितंबर को हुए भयानक आगजनी और हमले में कृष्णानगर से लोगों को किसी तरह जान बचाकर भागना पड़ा। कथित भूमि विवाद का हवाला दे कर कृष्णानगर के लोगों को अन्य बुनियादी सुविधा और अधिकारों से भी वंचित रखा गया है। सुरक्षा और सम्मान के लिए यहाँ के दलितों को सबसे पहले भूमि अधिकार चाहिए. इस मामले में सरकार आज भी दलित-गरीबों के खिलाफ खड़ी है।
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(Udaipur Kiran) / संजय कुमार सुमन