मुंबई, 24 अप्रैल (हि.सं.)। मुंबई को मलेरिया से मुक्त कराने के लिए मई महीने से विशेष अभियान चलाया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से मच्छर उत्पति वाले स्थानों की खोज और व्हाट्स ऐप के जरिए लोगों में जागरूकता फैलाई जाएगी। मुंबई को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए 1-3-7 रणनीति पर अमल करने का फैसला लिया गया है। यह निर्णय गुरुवार को बीएमसी मुख्यालय में मनपा आयुक्त भूषण गगरानी की अध्यक्षता में हुई मच्छर उन्मूलन समिति की समीक्षा बैठक में लिया गया।
विश्व मलेरिया दिवस हर वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में गगरानी ने मच्छर उन्मूलन समिति की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में सरकारी, अर्ध-सरकारी संगठनों और प्राधिकरणों के प्रतिनिधि व संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। गगरानी ने मनपा के कीटनाशक विभाग और विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से मई के दूसरे सप्ताह में एक संयुक्त निरीक्षण अभियान चलाने का निर्देश दिया है। सभी एजेंसियों को सतर्क रहने और तालमेल बिठाकर काम करने की सलाह दी गई है। मानसूनी बिमारियों की रोकथाम के लिए विभागवार योजना तैयार की गई है. विभागवार कृति दल नियुक्त किए जाएंगे. स्वास्थ्य कर्मियों, निजी क्लीनिकों और अस्पतालों के डॉक्टरों, निर्माण स्थलों पर सुरक्षा अधिकारियों और श्रमिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की भागीदारी से मरीजों को ट्रैक करने और उनके पूरे इलाज के निर्देश जारी किए गए हैं।
उच्च रोगी आबादी वाले क्षेत्रों में ‘फोकस-आधारित 1-3-7 रणनीति’ पर अमल किया जाएगा. इस रणनीति से पहले दिन मलेरिया बुखार के रोगी ढूंढे जाते हैं, तीसरे दिन रहवासियों का सर्वेक्षण और सातवें दिन मरीज मिलने वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर निवारक उपाय किए जाते हैं। मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने से लेकर रोगी की खोज और इलाज की विभागवार कार्य योजना बनाने पर जोर दिया जा रहा है। मच्छरों की रोकथाम के लिए “भाग मच्छर भाग” मोबाइल एप्लिकेशन उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऐप के माध्यम से स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों में मच्छरों से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी।
मनपा से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो वर्षों से मलेरिया मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। पिछले साल 2024 में बुखार के 15.1 लाख रक्त नमूने लिए गए थे और कुल 7,939 मरीज पाए गए थे। वर्ष 2023 में इन्फ्लूएंजा के लिए 13 लाख 98 हजार रक्त नमूने एकत्र किए गए थे और कुल 7,319 मरीजों की पहचान की गई थी। वर्ष 2022 के सर्वेक्षण में बुखार के 13.6 लाख रक्त के नमूने लिए गए थे. कुल 3,985 मरीजों की पहचान की गई थी।
(Udaipur Kiran) / वी कुमार
