Uttar Pradesh

गलती हो जाना बड़ी बात नहीं, समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी : श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री

पंचायत भवन परिसर में जिगर मंच पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराते श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर जी महाराज।
पंचायत भवन परिसर में जिगर मंच पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालु।

मुरादाबाद, 23 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। यह बातें सोमवार को पंचायत भवन परिसर में जिगर मंच पर श्री हरि विराट संकीर्तन सम्मेलन समिति के तत्वावधान में 85 वें वार्षिकोत्सव पर आयोजित आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन विश्व विख्यात भागवत भास्कर श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहीं।

श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर जी महाराज ने आगे कहा कि पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। कथा व्यास ने बताया कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है, वह हर किसी में बसता है।

व्यवस्था में अध्यक्ष सुनील गोयल, मंत्री एडवोकेट विजय कुमार अग्रवाल, पंकज महरोत्रा, सुरेंद्र अग्रवाल, चक्रेश लोहिया, संजय गोयल, पुनीत टंडन, अरुण कपूर, संजय महरोत्रा, अनुराग अग्रवाल, अश्विनी रस्तोगी, अखिलेश रस्तोगी, पंडित ज्ञान चंद शर्मा, चमन कक्कड़, सुरेंद्र वर्मा, अतुल कपूर, उमेश कुमार अग्रवाल, योगेश सहाय अग्रवाल, कांति प्रसाद गर्ग, ज्ञान चंद गुप्ता, विमल यादव, अंकित शुक्ला आदि मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल

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