अजमेर, 31 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । सफलताएं प्राप्त करने के साथ जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास छात्र जीवन से ही प्रारम्भ करना चाहिए। व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक होता हैं जब वह दूसरों के अधिकारों का संरक्षण और पोषण करने में समर्थ होता है।
यह बात विद्या भारती राजस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिवप्रसाद ने प्रतिभावान विकास वर्ग में छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा। गीता के आधार पर जीवन कैसे जीएं जिससे वह सार्थक सफल हो इस विषय को विस्तार से समझाते हुए उन्होंने ज्ञान को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि ज्ञान प्राप्ति के लिये श्रद्धावान होना आवश्यक है।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए गौरव बंडानिया ब्यावर ने अपने जीवन के अनुभव के आधार पर छात्रों को आत्मविश्वास से आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जब भी जीवन में यह निर्णय करना पड़े कि कौनसा मार्ग अपनाना चाहिए तो सुगम मार्ग को छोड़कर जो चुनौतिपूर्ण हो उसे स्वीकार कर परिश्रम करना ही सफलता का मूलमंत्र है।
वर्ग संयोजक नवीन कुमार झा ने वर्ग के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सम्पूर्ण राजस्थान से विद्या भारती विद्यालय में पढ़ने वाले प्रतिभावान विकास वर्ग में चयनित 112 छात्र भाग ले रहें है। वर्ग में बोर्ड परीक्षा में सफलता के लिए शिक्षाविद् प्रो.आर.के.उपाध्याय, प्रो. प्रशांत कृपलानी रसायन शास्त्र में विषय की समझ स्पष्ट करते हुए उत्तर लिखने की तकनीकियों से छात्रों को अवगत कराते हैं। छात्रों की जिज्ञासाओं की समाधान के लिये भौतिक शास्त्री अशोक शर्मा, गणित प्रो. फूलाराम परिहार, जीव विज्ञान प्रो. राकेश बसेर में विशेेष रूप से सेवाभाव से छात्रों के हित में अपनी सेवा प्रदान कर रहे है। वर्ग पालक डॉ. बृजमोहन सैनी के सानिध्य में वर्ग का संचालन हो रहा है।
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(Udaipur Kiran) / संतोष