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नई दिल्ली, 20 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश दिया है कि वो 1989 के रुबिया सईद अपहरण और एक अन्य मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करने के लिए पर्याप्त इंतजाम करें। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भी निर्देश दिया कि वो तिहाड़ जेल में बंद यासिन मलिक की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करने की उचित व्यवस्था करें। कोर्ट ने दोनों हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी।
28 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने यासिन मलिक के खिलाफ ट्रायल को जम्मू की बजाय तिहाड़ जेल में मौजूद कोर्ट में ट्रांसफर करने की सीबीआई की मांग पर यासिन मलिक समेत इस मामले के छह आरोपियों को नोटिस जारी किया था। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासिन मलिक के खिलाफ ट्रायल को जम्मू की बजाय तिहाड़ जेल में मौजूद कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है। सीबीआई का कहना है कि तिहाड़ जेल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की पूरी सुविधा उपलब्ध है। वहां कोर्ट लगता रहा है। पहले भी कई मामले की सुनवाई होती रही है।
यासिन मलिक जम्मू-कश्मीर में इंडियन एयर फोर्स के चार जवानों की हत्या और रुबिया सईद के अपहरण के मामले में वहां की निचली अदालत में मुकदमे का सामना कर रहा है। जम्मू कश्मीर में टाडा कोर्ट ने मलिक को व्यक्तिगत पेशी के लिए समन जारी किया था। यासिन मलिक भी जम्मू-कश्मीर में निचली अदालत में पेश होकर अपनी पैरवी करना चाहता है।
सीबीआई ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। सीबीआई का कहना है कि यासिन मलिक कोई आम आतंकवादी नहीं है। वो लगातार पाकिस्तान जाता रहा है। हाफिज सईद के साथ उसने मंच साझा किया है। उसके जम्मू-कश्मीर जाने से वहां का माहौल बिगड़ सकता है। गवाहों को सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / पवन कुमार
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