
सोनीपत, 23 मई (Udaipur Kiran) । सोनीपत के ककरोई गांव के सपूत मेजर आशीष दहिया ने अपने अदम्य
साहस और देशभक्ति से हरियाणा ही नहीं, पूरे देश का नाम रोशन किया है। शौर्य चक्र से
सम्मानित इस वीर ने आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में अपनी निडरता और नेतृत्व से मिसाल
कायम की। मेजर आशीष दहिया की वीरता, परिवार का देशसेवा से जुड़ाव, और गांव का गौरव
यह जिंदगी के वास्तविक हीरों की कहानी हर भारतीय के लिए प्रेरणा है।
शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा जिला सोनीपत
के गांव ककराई के लाडले बेटे मेजर आशीष दहिया को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। यह घोषणा
गणतंत्र दिवस पर की गई थी। आशीष दहिया 50 राष्ट्रीय राइफल्स के इंजीनियर्स कोर में
हैं। इस सम्मान ने उनके गांव ककरोई में खुशी की लहर दौड़ा दी। मेजर आशीष ने जम्मू-कश्मीर
के पुलवामा में जून 2024 को एक जोखिम भरे अभियान में आतंकियों के खिलाफ निर्णायक भूमिका
निभाई। उन्होंने एक खतरनाक श्रेणी के आतंकी को ढेर किया और गोलीबारी के बीच घायल सैनिक
को सुरक्षित बचाया।
पांच उच्च जोखिम वाले अभियानों में आशीष ने चार कट्टर आतंकियों
को मार गिराया और तीन विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय कर बड़ा खतरा टाला। उनकी वीरता
और नेतृत्व ने उन्हें इस सम्मान का हकदार बनाया। मां सविता दहिया ने कहा कि ऐसे बेटे
हर जन्म में मिलें। उनका परिवार देशसेवा का प्रतीक है। पिता स्व. अशोक दहिया सेना में
लांस नायक थे, ताऊ दिल्ली पुलिस में उप निरीक्षक, और पत्नी अनुषा व भाई अनीश भी सेना
में मेजर हैं।
आशीष की परवरिश चुनौतियों भरी थी। छह साल की उम्र में पिता
का देहांत हुआ, फिर भी मां ने उन्हें और उनके जुड़वां भाई को देशभक्ति का पाठ पढ़ाया।
शिवा शिक्षा सदन में 12वीं तक पढ़ाई की और वे पढाई व खेल में अव्वल रहे आशीष ने
2010-11 में 12वीं उत्तीर्ण की और सेना में भर्ती हुए।
गांव में जश्न का माहौल है। सरपंच कर्मबीर सिंह ने उनके स्वागत
की घोषणा की। दिल्ली में सम्मान समारोह के बाद परिवार गर्व से भरा है। मेजर आशीष की
कहानी साहस, समर्पण और देशभक्ति की अमर गाथा है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा परवाना
