मीरजापुर, 23 नवंबर (Udaipur Kiran) । मगध की धरती, जिसे आज मझवां क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, ने एक बार फिर इतिहास और वर्तमान का संगम देखा है। मझवां विधानसभा उपचुनाव में सुचिस्मिता मौर्या की जीत ने न केवल राजनीतिक चर्चा को जन्म दिया, बल्कि ऐतिहासिक परंपराओं की भी याद दिलाई।
ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने इस मौके पर कहा कि मौर्य समाज और ब्राह्मणों का ऐतिहासिक संबंध प्राचीन काल से रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि मौर्य साम्राज्य के शासकों का राज्याभिषेक ब्राह्मणों द्वारा किया गया था, जो उस समय मगध (आज का बिहार) की महान परंपराओं का हिस्सा था।
सुचिस्मिता मौर्या की जीत को इसी ऐतिहासिक संदर्भ में जोड़ते हुए, उन्होंने इसे मौर्य और ब्राह्मण समाज के बीच सद्भाव और सहयोग का प्रतीक बताया।
इस चुनाव में सुचिस्मिता मौर्या की जीत को क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। स्थानीय लोगों समीर दूबे, राजपति ओझा, प्रमोद कुमार दूसरे, डा. गणेश प्रसाद अवस्थी, विनय कुमार पांडेय आदि का कहना है कि उनकी जीत से विकास कार्यों को गति मिलेगी और क्षेत्र की समस्याओं का समाधान होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह जीत न केवल व्यक्तिगत राजनीति की, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता की भी जीत है। मझवां का यह चुनाव इतिहास, परंपरा और आधुनिक राजनीति के संगम का उदाहरण बन गया है।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा