West Bengal

नगरपालिका भर्ती घोटाले के मुख्य गवाह की मौत

कोलकाता, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । नगरपालिका भर्ती घोटाले की जांच के प्रमुख गवाह सौमिक चौधरी की शुक्रवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। 50 वर्षीय सौमिक का निधन किसी अप्राकृतिक कारण से नहीं हुआ है, लेकिन उनकी अचानक मौत ने भर्ती घोटाले को लेकर फिर से चर्चाओं को जन्म दे दिया है। सौमिक चौधरी इस मामले के आरोपित अयन शील के करीबी दोस्त और उनके व्यापारिक साझेदार थे। दोनों ने कई व्यावसायिक कार्यों में साथ काम किया था, और ईडी ने सौमिक से कई बार पूछताछ कर महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की थीं। उनकी मृत्यु से ईडी के लिए अहम जानकारी का एक दरवाजा बंद हो गया है, जिससे यह माना जा रहा है कि अयन को मामले में कुछ राहत मिल सकती है।

नगरपालिका भर्ती घोटाले में ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियाँ जांच कर रही हैं। ईडी ने सौमिक को इस मामले में मुख्य गवाह बनाने का निर्णय लिया था। लेकिन शुक्रवार रात दिल का दौरा पड़ने से सौमिक की मृत्यु हो गई। उनका नाम सीबीआई की चार्जशीट में भी शामिल था, जिसमें यह कहा गया था कि सौमिक अयन के दोस्त और एजेंट थे और उन्होंने 10-12 लोगों को विभिन्न नगर निगमों में नौकरी दिलाने में सहायता की थी। इस घोटाले में अयन की भूमिका को समझने के लिए सौमिक से और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद थी।

सूत्रों के अनुसार, सौमिक और अयन ने एक साथ व्यापार किया था। अयन ‘एबीएस इन्फोजोन’ नामक कंपनी का संचालन करते थे जबकि सौमिक ‘एबीएस इन्फ्राजोन’ का संचालन करते थे। सौमिक पहले हुगली जिले के चुचुड़ा में रहते थे, जहां अयन से उनकी दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच व्यापारिक और व्यक्तिगत संबंध इतने मजबूत हो गए थे कि सौमिक को अयन का प्रमुख सहयोगी माना जाने लगा।

सौमिक की मृत्यु के बाद अब इस मामले में ईडी की जांच को एक बड़ा झटका लगा है। सौमिक के वकील का कहना है कि ईडी ने उन्हें इस मामले में गवाह बनाने की योजना बनाई थी। सौमिक की अचानक मृत्यु से अयन को कुछ राहत मिल सकती है, क्योंकि अब ईडी को कई महत्वपूर्ण जानकारियों के बिना ही अपनी जांच को आगे बढ़ाना पड़ेगा।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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