
नई दिल्ली, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । एयरबस और महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने एच-130 हेलीकॉप्टरों के मुख्य भाग (फ्यूजलेज) के निर्माण के लिए समझौता किया है। इस समझौते के तहत पहली इकाई मार्च 2027 तक डिलीवर होने की उम्मीद है। यह साझेदारी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत की एयरोस्पेस निर्माण क्षमताओं को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में बताया कि इस समझौते पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू, नागर विमानन मंत्रालय के सचिव वुमलुनमंग वुअलनम, भारत और दक्षिण एशिया में एयरबस के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी मैलार्ड और महिंद्रा समूह के ग्रुप सीईओ और प्रबंध निदेशक डॉ. अनीश शाह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
इस समझौते के तहत महिंद्रा एच-130 की मुख्य फ्यूजलेज असेंबली का उत्पादन करेगी, जिसे फिर यूरोप में एयरबस हेलीकॉप्टर की सुविधाओं में भेजा जाएगा। हालांकि, इस अनुबंध के वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया गया। समझौते के तहत विमान के ढांचे का निर्माण कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर संयंत्र में किया जाएगा तथा कंपनी को प्रतिवर्ष 60-70 एच-130 विमान के ढांचे बनाने की उम्मीद है। इसकी पहली केबिन असेंबली मार्च 2027 तक डिलीवर होने वाली है।
इस अवसर पर केंद्रीय नायडू ने कहा कि एयरबस और महिंद्रा का एक साथ आना एक बेहतरीन सहयोग और विमानन उद्योग में एक ऐतिहासिक निर्णय है। यह कदम देश में विमानन मैन्युफैक्चरिंग को बल देगा। नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में मुझे इस बात पर गर्व है कि आज हर एयरबस वाणिज्यिक विमान और हेलीकॉप्टर भारत में डिजाइन, निर्मित और रखरखाव की महत्वपूर्ण तकनीक और पुर्जे रखता है। आज हम विमान घटक निर्माण के लिए एक नया मानदंड स्थापित कर रहे हैं। मेरा मानना है कि यह केवल एयरबस के बहुमूल्य समर्थन से ही संभव हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि आठ सीटों वाला एच-130 एक लोकप्रिय हेलिकॉप्टर है, जिसका उपयोग परिवहन, पर्यटन, चिकित्सा, निगरानी और निजी विमानन गतिविधियों के लिए किया जाता है। महिंद्रा एयरोस्ट्रक्चर के अनुसार पहली केबिन असेंबली मार्च, 2027 तक डिलिवर होने वाली है। महिंद्रा समूह पहले से ही एयरबस वाणिज्यिक विमान कार्यक्रमों के लिए विभिन्न भागों और उप-असेंबली की आपूर्ति करता है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
