Uttar Pradesh

चार्तुमास में ब्रज में विराजते देव, प्रकृति का संचालन करते महादेव : देवकीनंदन महाराज

शिव भक्त शिवलिंग तैयार करते हुए, इंसेट में शिवपुराण का अमृत रसापान कराते हुए देवकीनंदन महाराज

– श्रावण के आठ दिनों में बनाये सत्रह लाख बासठ हजार पार्थिव शिवलिंग

मथुरा, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) श्रावण मास में ब्रज में रहकर शिवभक्ति कर रहे श्रद्धालुओं ने सोमवार को ब्रज की मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजन किया। प्रियाकान्तजु मंदिर परिसर में मंत्रोच्चार के मध्य शिवभक्तों ने शिवलिंग आकृतियों पर बिल्वपत्र, पुष्प, माला, दूध, दही, शहद, जल आदि से रूद्राभिषेक किया। देवकीनंदन महाराज श्रद्धालुओं के साथ शिवपूजन कर विश्व शांति की कामना की।

छटीकरा मार्ग स्थित ठा0 श्री प्रियाकान्तजु मंदिर पर आयोजित नो दिवसीय पार्थिव शिवलिंग निर्माण महोत्सव में सत्रह लाख बासठ हजार शिवलिंगों का निर्माण एवं विसर्जन हो चुका है। श्रावण के दूसरे सोमवार को भक्तों ने साढ़े तीन लाख से अधिक शिवलिंग पूजन किया। मंगलवार को 21 लाख शिवलिंग निर्माण के साथ आयोजन सम्पूर्ण होगा।

शिवमहापुरण श्रवण कराते हुये देवकीनंदन महाराज ने कहा कि देवशयनी एकादशी से चार मास के चातुर्मास में ब्रज में देवता निवास करते हैं। इन चार मास में प्रकृति का संचालन शिव के पास रहता है। इन्हीं दिनों में प्रकृति के निर्माण और विध्वंश के सर्वाधिक दर्शन होते हैं। श्रावण में दही-छाछ का सेवन स्वास्थ्य हितकर नहीं माना जाता लेकिन भगवान महादेव इसे ग्रहण करते हैं।

उन्होने कहा कि शिव का नारायण से बड़ा भक्त कोई नहीं है और नारायण का शिव से बड़ा कोई भक्त नहीं हैं। वैष्णवों में सर्वश्रेष्ठ वैष्णव शिवजी हैं। दक्ष प्रजापति के यज्ञ में वीरभद्र द्वारा नारायण से प्रश्न करने पर वे स्वंय इसे स्वीकार करते हैं। उन्होने कहा कि भगवान भक्त की परीक्षा लेते है। विपत्ति और सुख के अवसरों पर जब भक्त समान रूप से भगवान की भक्ति से जुड़ा रहता है, तब वह भक्ति में पास में हो जाता है।

इस अवसर पर विश्व शांति सेवा चैरीटेबल ट्रस्ट सचिव विजय शर्मा, रवि रावत, विष्णु शर्मा, सुनील सिंघल, सुधीर वर्मा, कामिनी मिश्रा, शेराराम भादू, श्रीपाल जिंदल आदि उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / महेश कुमार / मोहित वर्मा

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