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मप्र का विक्रम उद्योगपुरी बना देश का सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किया सम्मानित

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पुरस्कार समारोह में अवार्ड प्रदान करते हुए

– देशभर के 140 औद्योगिक क्षेत्रों को पीछे छोड़ते हुए खिताब किया अपने नाम, दिल्ली में हुए भव्य समारोह में 15 औद्योगिक पार्कों को मिला सम्मान

भोपाल, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विक्रम उद्योगपुरी ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए देश का सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा शुरू किए गए ‘स्वच्छ औद्योगिक पार्क’ अभियान के तहत दिया गया है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित पुरस्कार समारोह में यह अवार्ड प्रदान किया। मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने यह प्राप्त किया।

जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. आरआर पटेल ने बताया कि दिल्ली के भारत मंडपम में गुरुवार को आयोजित पुरस्कार समारोह में कुल 15 औद्योगिक पार्कों को स्वच्छता के लिए सम्मानित किया गया। विक्रम उद्योगपुरी ने शीर्ष स्थान हासिल करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। दरअसल, फिक्की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत ‘स्वच्छ औद्योगिक पार्क’ अभियान के नाम से इस पहल को शुरू किया है। इसका उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना है। इसके लिए एक विस्तृत और निष्पक्ष मूल्यांकन प्रक्रिया अपनाई गई। फिक्की और पीडब्ल्यूसी ने उद्योग, थिंक टैंक और मीडिया के विशेषज्ञों के साथ मिलकर मूल्यांकन का एक ऐसा ढांचा तैयार किया, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक पार्कों को परखा गया। इसमें मुख्य रूप से पर्यावरणीय स्थिरता, कचरा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे पहलुओं को प्राथमिकता दी गई। इस अवार्ड के लिए देशभर के 18 राज्य औद्योगिक विकास निगमों से 140 औद्योगिक पार्कों ने पंजीकरण कराया। इन पार्कों के दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा किए गए, जिनकी स्क्रीनिंग और मूल्यांकन के बाद चुने गए पार्कों का फिक्की की टीम की तरफ से साइट निरीक्षण भी किया गया। अंतिम चयन के लिए दस्तावेज़ों और साइट निरीक्षण के आधार पर अंक दिए गए, जिनका औसत निकालकर इनकी रैंकिंग तय की गई। हालांकि, इस अवार्ड के लिए केवल 100 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले पार्कों को नामांकित किया गया था, जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों के पार्कों को शामिल नहीं किया गया।

विक्रम उद्योगपुरी : सफलता की कहानी-

विक्रम उद्योगपुरी ने अपने बेहतरीन प्रयासों से देशभर के सभी औद्योगिक पार्कों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्वच्छतम औद्योगिक पार्क का खिताब अपने नाम कर लिया। पार्क में पर्यावरणीय स्थिरता तय करने के लिए आधुनिक जल प्रबंधन प्रणाली, हरित क्षेत्र और ऊर्जा-कुशल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अत्यधुनिक रीसाइक्लिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं। वहीं स्वच्छता को बनाए रखने के लिए यहां के उद्योगों और श्रमिकों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवार्ड ने साबित कर दिया कि यह पार्क न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूक है, बल्कि स्वच्छता को एक सामुदायिक जिम्मेदारी मानते काम कर रहा है।

उज्जैन का नाम राष्ट्रीय पटल पर चमका-

गौरतलब है कि 2025 में मध्य प्रदेश की ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) भोपाल में होने जा रही है। जीआईएस की तैयारियां तो साल की शुरुआत से ही शुरू हो गई हैं। प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव भी हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा पूरे प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देना है। साथ ही इंदौर के बाद उज्जैन को भी प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र के रूप में स्थापित करना है। इसीलिए पहला इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव उज्जैन में ही हुआ था और अब इस पुरस्कार ने उज्जैन और विक्रम उद्योगपुरी को औद्योगिक स्वच्छता और पर्यावरणीय जागरूकता के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह और औद्योगिक विकास निगम के निदेशक चंद्रमौली शुक्ल ने इसे उज्जैन और पूरे राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।

एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने कहा कि यह पुरस्कार न केवल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन के विकास को नई ऊंचाई तक ले जाने वाला है, बल्कि विक्रम उद्योगपुरी को एक ऐसे आदर्श के रूप में स्थापित करेगा, जिसका अनुसरण अन्य औद्योगिक क्षेत्र करेंगे। यह सम्मान औद्योगिक क्षेत्रों में स्वच्छता और स्थिरता के प्रति एक नया मानक स्थापित करेगा और अन्य पार्कों को भी सफाई के लिए प्रेरित करेगा।

प्रदेश के विकास में मील का पत्थर है विक्रम उद्योगपुरी-

उन्होंने बताया कि विक्रम उद्योगपुरी प्रदेश के साथ देश में औद्योगिक विकास का नया मॉडल बनकर उभर रहा है। यह औद्योगिक क्षेत्र 1133 एकड़ में फैला है और इसे डीएमआईसी द्वारा औद्योगिक, आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित किया जा रहा है। इस औद्योगिक पार्क में करीब 350 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों, बिजली के सबस्टेशन और जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ ग्रीन और स्वच्छ औद्योगिक पार्क को महत्व दिया जा रहा है। इसमें उद्योग, आवासीय कॉलोनियां और व्यावसायिक केंद्रों के लिए अलग-अलग सेक्टर बनाए गए हैं। इसमें 102 भूखंड निकाले जाएंगे, जिसमें 77 उद्योगों को भूखंडों का आवंटन हो चुका है। यहां निवेश करने वाली कंपनियों में पंचमहल, अमूल, पेप्सिको इंडिया, वीही कमर्शियल, एमडीएच, यशोदा लिनेन, फेना प्राइवेट लिमिटेड, सुधाकर पीवीसी प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स, एंजेल ओक, डीसीएम नोवेल, रीच फूड्स, इस्कॉन बालाजी, सिमबॉयोटेक और श्रीनिवास फार्माकेम जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां 5 हजार 198.59 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी हैं और इससे 15,060 रोजगार के अवसर मिले। इसके अलावा 31 अन्य कंपनियों से 2 हजार 991 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं, जिससे करीब 5,700 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ आवासीय और व्यावसायिक सेक्टर का समन्वय इसे एक संपूर्ण शहर की तरह विकसित करने में मदद कर रहे हैं।

उद्योगपुरी का जेम ‘मेडिकल डिवाइस पार्क-

उद्योगपुरी में ही 360 एकड़ जमीन में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है। यह पार्क भारत सरकार की ‘मेडिकल डिवाइस पार्क प्रमोशन योजना’ के तहत मेडिकल उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है। यहां निवेशकों को भूमि शुल्क, बिजली दरों और वित्तीय सहायता में छूट दी जा रही है। अब तक कुल 97.05 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिसमें एक हजार 855.28 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है। इससे 6,908 रोजगार सृजित होने की संभावना है। प्रमुख कंपनियां जैसे श्रीजी पोलिमर्स इंडिया लिमिटेड, पेरकैंट टेक प्राइवेट लिमिटेड, वानसुशी प्राइवेट लिमिटेड, वाईए-एसएएन (भारत), भंडारी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी असिस्टेड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी प्राइवेट लिमिटेड, वन वंडर वेलनस प्राइवेट लिमिटेड, एचसी लाइफलाइन, एसएच प्रौद्योगिकी, सिरो फार्मा प्राइवेट लिमिटेड, बेल फार्मास्यूटिकल्स एंड कॉस्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, फॉरएवर इमेज प्राइवेट लिमिटेड, विरोहना हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड, क्लिनिकस्प्लाइज़, मीपल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, माइक्रोजेन हाइजीन प्राइवेट लिमिटेड, रीमोट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, और वीआरएम मेलीक्यूलर एंड न्यूक्लियर मेडिसिंस प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रमुख कंपनियां आ चुकी हैं।

वहीं 9 इकाइयों के प्रस्ताव और प्राप्त हुए हैं, जिनमें 206.5 करोड़ रुपये का निवेश और 991 व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर प्रस्तावित हैं। इस पार्क में 3डी प्रिंटिंग और प्रोटोटाइप निर्माण, प्लास्टिक प्रोसेसिंग, असेंबली और पैकेजिंग, घटक परीक्षण, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी और प्रदर्शन परीक्षण, ईएमआई-ईएमसी परीक्षण, बॉयोमेडिकल और बायोकॉम्पैटिबल परीक्षण प्रयोगशाला, माइक्रो और स्टेरिलिटी परीक्षण, मोल्ड और डाई निर्माण के लिए टूल रूम, एथिलीन ऑक्साइड स्टेरिलाइजेशन, और इन्क्यूबेशन हब जैसी आधुनिक सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। इसके अलावा, कौशल विकास और प्रशिक्षण केंद्र, आरएंडडी केंद्र, पीसी बोर्ड निर्माण, पैकेजिंग परीक्षण और मान्यता, और कैलिब्रेशन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।

(Udaipur Kiran) तोमर

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