Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति निवेशकों के अनुकुल: शिवशेखर शुक्ला

मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति निवेशकों के अनुकुल: शिवशेखर शुक्ला

उज्जैन,5 जून (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति एवं वातावरण निवेशकों के अनुकूल है। उज्जैन शहर हार्ट ऑफ स्पिरिचुअल इंडिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन नीति-2025 लागू की गई है। इसके तहत 10 से 30 प्रकार की अनुमतियां ऑनलाईन समय सीमा में उपलब्ध करवाई जा रही है। पर्यटन के क्षेत्र में हॉटल, रिर्जाट और अन्य प्रकार की पर्यटन सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिए पूंजी निवेश पर 15 से 30 प्रतिशत का अनुदान शासन द्वारा प्रदान किया जा रहा है। निवेशक स्पिरिचुअल एवं वेलनेस के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आए, उन्हें शासन द्वारा हर संभव सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाऐगी।

यह बात प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने गुरूवार को उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एण्ड वेलनेस समिट-2025 में पैनल डिस्कशन सत्र को संबोधित करते हुए कही। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम एवं आनंद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आतिथ्य में आयोजित इस समिट के दौरान दो सत्रों में पैनल डिस्कशन हुए, जिसमें विषय विशेषज्ञों ने सार्थक चर्चा की।

प्रथम सत्र के पैनल डिस्कशन में योगा निसर्ग एण्ड वैदिक योगा स्कुल के संस्थापक स्वामी चैतन्य हरी , एवीएन समुह के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रमेश वारियर, अपोलो आयुर्वेद पोजेक्ट लीडर डॉ. मेघा केएल, लाईसॉर होटल्स के डायरेक्टर मुकुन्द प्रसाद, इकोनोमिक्स टाईम्स की सम्पादक दीपशिखा, प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन तथा आनंद विभाग राघवेन्द्र कुमार सिंह ने भाग लिया।

प्रमुख सचिव राघवेन्द्रकुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन में कहाकि दुनिया में हेल्थ एवं वेलनेस सेक्टर बहुत बड़ा सेक्टर है। देश में मध्यप्रदेश ही एकमात्र राज्य है जहां आनंद विभाग है। उज्जैन आध्यात्मिक कला, संस्कृति एवं विज्ञान के क्षेत्र में प्राचीन काल से ही पहचाना जाता रहा है। प्रशासनिक क्षेत्र में भी सम्राट विक्रमादित्य ने इस नगरी को विशेष पहचान दिलवाई है। यह आध्यात्मिकता एवं वेलनेस का केन्द्र है। मध्यप्रदेश हमेशा नवाचारों के लिए जाना जाता है। निवेशकों के सुझावों पर अमल किया जाएगा।

कलेक्टर रौशनकुमार सिंह ने सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन में किए जा रहे विकास एवं ,निर्माण कार्यों और तैयारियों के बारें में प्रजेंटेशन दिया। उज्जैन के समग्र विकास के लिए कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। उन्होनें कहा कि उज्जैन में सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए सुगम आवागमन की सुविधाऐं उपलब्ध करवाई जा रही है। सदावल में 4 हेलिपेड का निर्माण कार्य जारी है। क्षिप्रा नदी को अविरल प्रवाहमान बनाने के लिए कान्ह डायवर्सन क्लॉज डक्ट परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। सेवरखेडी सिलारखेडी बैराज परियोजना का कार्य भी तेज गति से जारी है। क्षिप्रा नदी पर दोनों ओर 29 किमी लम्बे नए घाट बनाए जा रहे है। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में 2,376 हेक्टेयर में नगर विकास योजना पर कार्य किया जा रहा है। सड़क ,सीवरेज, पेयजल, बिजली आदि स्थाई स्वरूप की बुनियादी सुविधाओं के विकास एवं विस्तार पर विशेष तौर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने निवेशको से निवेश के लिए आगे आने का आव्हान किया।

बिल्डींग वेलनेस इकोसिस्टम एण्ड वर्क फोर्स विषय पर दूसरे सत्र के पैनल डिस्कशन में प्रमुख सचिव संदीप यादव, वीपी कैरली आयुर्वेदिक समुह की मोना वालिया, तिरुपतति एस्टेट्स के डायरेक्टर महेश पारयानी,आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर हिमांशु राय , ताईवान इंडिया आर्युवेद ऐसोसिएशन के सहसंस्थापक शुभम अग्निहोत्री , स्पोर्टस फिटनेस कोच विजय ठक्कर, आयुष मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव कविता गर्ग , इकोनॉमिक्स टाईम्स के आशुतोष सिन्हा ने भाग लिया और विस्तार से चर्चा की। श्री यादव ने कहा कि देश में मध्यप्रदेश में सबसे अच्छी वेलनेस पॉलिसी है। उज्जैन में रोजाना एक लाख से अधिक दर्शनार्थी आते है। संचालन शिखा सिंह ने किया। सत्र के अंत में मंचासीन विषय विशेषज्ञों एवं पेनलिस्टों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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