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जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव में मध्य प्रदेश करेगा मदद, दोनों राज्‍यों के निर्वाचन आयोग के बीच हुआ एमओयू

मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग और जम्मू-काश्मीर राज्य निर्वाचन आयोग के बीच एमओयू हुआ
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग और जम्मू-काश्मीर राज्य निर्वाचन आयोग के बीच एमओयू हुआ

– राज्य निर्वाचन आयुक्तों की नेशनल कांफ्रेंस में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने दिया प्रेजेंटेशनभोपाल, 03 मार्च (Udaipur Kiran) । राज्य निर्वाचन आयुक्तों की 31वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन सोमवार को मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग और जम्मू-कश्मीर राज्य निर्वाचन आयोग के बीच एमओयू किया गया। मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग जम्मू–कश्मीर में होने वाले नगरीय निकाय निर्वाचन की प्रक्रिया को सशक्त करने में मदद करेगा। नेशनल कांफ्रेंस में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने प्रेजेंटेशन दिया।

एमओयू के तहत मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग जम्मू और कश्मीर में होने वाले आगामी नगरीय निकाय चुनाव में 7 हजार ईवीएम और अन्य उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही पोलिंग स्टाफ को ट्रेनिंग भी दिलाएगा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में किए गए नवाचारों को जम्मू और कश्मीर में लागू करवाने के लिए प्रयास करेगा। साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित बूथों पर पेपर लेस बूथ की प्रक्रिया अपनाने में मदद करेगा।

राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज श्रीवास्तव की उपस्थिति में एमओयू में मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह और जम्मू-कश्मीर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव सुशील कुमार ने हस्ताक्षर किए। सचिव सुशील कुमार ने मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त को इस एमओयू के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अब हमारे राज्य में सुगमता से नगरीय निकाय निर्वाचन कराने में मदद मिलेगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्तों के समक्ष विषय विशेषज्ञों ने दिया प्रेजेंटेशन-

पेंच नेशनल पार्क सिवनी में आयोजित राज्य निर्वाचन आयुक्तों की 31वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा सुगम-सुविधाजनक निर्वाचन सम्बन्धी विभिन्न विषयों पर प्रेजेंटेशन दिए गये। आईसीपीएस (इंटरनेशनल सेंटर फॉर पार्लियामेंटलरी स्टडीज) लंदन के डायरेक्टर अरविंद वेंकटरमन ने ’रिकगनाइजिंग इंडियास रोल एस ग्लोवल लीडर इन इलेक्शन एंड इलेक्टोरल डिप्लोमेसी’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने भारत जैसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले देश मे निर्वाचन प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए इलेक्टोरल मैनेजर, ई-लर्निग जैसे ए-आई टूल्स तथा ब्लॉक चैन के उपयोग करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।

ऑनलाइन मतदान की बताई प्रक्रिया-

सेल्स डायरेक्टर एपीएसी टर्की मेहमत बुरक ने दूरस्थ मतदाता के पंजीयन तथा ऑनलाइन मतदान की कार्ययोजना पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने मतदाताओं के डिजिटल प्रक्रिया द्वारा पंजीयन तथा बायोमेट्रिक से मतदाताओं के पहचान करने की प्रक्रिया पर जानकारी दी। साथ ही सुरक्षित, सुविधाजनक एवं पारदर्शी रूप से ऑनलाइन वोटिंग कराने की प्रक्रिया के बारे में बताया। कनाड़ा, बेनिन में वोटर रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन का डेमो भी दिया। वर्कली विश्वविद्यालय केलि फोर्निया के रिसर्च स्कालर प्रनव गुप्ता और अनस्तुभ अग्निहोत्री ने स्थानीय निर्वाचन में रिसर्च करने के संबध में प्रेजेंटेशन दिया।

निर्वाचन में किये जा रहे अनुसंधानों के बारे में दिया गया प्रेजेंटेशन-

देश में सुगम, सुविधाजनक पारदर्शी निर्वाचन कराने में ईवीएम, सॉफ्टवेयर सहित अन्य सपोर्ट उपलब्ध कराने वाले संस्थान इलेक्ट्रानिक्स कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, आईआईटी लिमिटेड बेंगलुरु के प्रतिनिधियों द्वारा राज्य निर्वाचन आयुक्तों के समक्ष निर्वाचन में किये जा रहे अनुसंधानों के बारे में अपना प्रेजेंटेशन दिया। विशेष रूप से नवीन एस-3 ईव्हीएम, इलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम के उपयोग की कार्यविधि और लाभ को रेखांकित किया। इसी तरह पोलिंग एवं काउंटिंग में उपयोग होने वाले विभिन्न एप्लीकेशन के संबंध में आईएनसीटी चेन्नई के सीईओ गजपथी ने प्रेजेंटेशन दिया। अमिट स्याही और अन्य चुनाव सम्बन्धी सामग्री के संबंध में हैदराबाद एवं जयपुर की कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन दिया। विभिन्न राज्यों के राज्य निर्वाचन आयुक्तों ने परिचर्चा में सहभागिता की। उन्होंने मध्यप्रदेश के पेपर लेस बूथ के मॉडल का अवलोकन किया।————–

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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