भोपाल, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पोलियो दिवस के अवसर पर गुरुवार को भोपाल जिले की विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं में पोलियो जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अवसर पर पोलियो उन्मूलन के प्रयासों और रणनीति पर जानकारी दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि यह दिवस हर साल 24 अक्टूबर को पोलियो के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस जोनस साक के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जोनस साक ने पोलियो मेलिटस के खिलाफ आईपीवी टीका बनाने वाली पहली टीम का नेतृत्व किया था। पोलियो के बहुप्रचलित ओरल टीके को अल्बर्ट साबिन द्वारा विकसित किया गया था। इस ओरल वैक्सीन से पोलियो उन्मूलन में बड़ी कामयाबी मिली।
उन्होंने बताया कि पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो ज्यादातर छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। यह तंत्रिका तंत्र पर हमला करके रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकती है और पक्षाघात का कारण बन सकती है। कुछ मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। पोलियो दिवस के अवसर पर जिले की स्वास्थ्य संस्थानों में पोलियो बीमारी के उन्मूलन में सभी सरकारी विभागों, रोटरी इंटरनेशनल सहित विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, मीडिया, सेलिब्रिटीज के योगदान और प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर अस्पतालों में नवजात बच्चों को जीरो डोज पिलाकर मां और परिजनों को टीकाकरण सारणी, टीकों के महत्व, एमसीपी कार्ड की जानकारी दी गई। 1995 में प्रारंभ किए गए राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के तहत पोलियो की बीमारी को भारत से पूरी तरह से समाप्त किया जा चुका है। 27 मार्च 2014 में भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है । पोलियो पर जीत में टीकाकरण की सबसे सशक्त भूमिका रही है।पोलियो से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में दवा की दो बूंद खुराक दी जाती है। साथ ही एफआईपीवी 0.1 एमएल इंट्रामस्कुलर डोज लगाया जाता है।
भारत में पोलियो वायरस का आखिरी केस 13 जनवरी 2011 में हावड़ा पश्चिम बंगाल में मिला था जबकि मध्यप्रदेश में 2008 के बाद से कोई भी नया प्रकरण नहीं मिला है। भोपाल में जुलाई 2003 पोलियो का आखिरी केस पाया गया था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि सरकार, स्वास्थ्य कर्मियों, गैर सरकारी संगठनों की कड़ी मेहनत से पोलियो उन्मूलन मुमकिन हो सका है। इस जीत को स्थाई करने के लिए दुनिया से इस बीमारी को जड़ से खत्म करना जरूरी है। भारत पोलियो मुक्त है लेकिन भारत के कुछ पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के नए केस हालिया दिनों में भी मिले हैं।
पोलियो से सुरक्षा के लिए भारत में पोलियो दवा पिलाने के अभियान समय समय आयोजित किया जाते हैं। जिसमें जन्म से 5 साल तक के हर बच्चे को इस दवा का सेवन करवाया जाता है।
(Udaipur Kiran) तोमर