Madhya Pradesh

मप्रः क्रांतिसूर्य टंट्या मामा के 135वां बलिदान दिवस पर मंत्री डॉ. शाह ने किया पुण्य-स्मरण

भोपाल, 4 दिसंबर (Udaipur Kiran) । हर साल 4 दिसंबर को क्रांतिसूर्य टंट्या मामा का बलिदान दिवस मनाया जाता है। आज (बुधवार को) उनका 135वां बलिदान दिवस है। इस अवसर पर प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने उनका पुण्य-स्मरण किया है। उन्होंने कहा कि टंट्या मामा मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के जनजातीय क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ जन आंदोलन के नायक थे। उन्होंने अपने समुदाय को संगठित किया और अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाई। टंट्या मामा ने अमीरों से धन छीनकर गरीबों और वंचितों की मदद की। उनके इस कार्य ने उन्हें आमजन का नायक बना दिया।

मंत्री शाह ने कहा कि उन्होंने गुरिल्ला युद्धकला अपनाई, जिससे ब्रिटिश सेना उन्हें पकड़ने में लंबे समय तक असमर्थ रही। ब्रिटिश सरकार द्वारा 4 दिसंबर 1889 को टंट्या मामा को गिरफ्तार कर जबलपुर में फांसी दे दी गई थी। यह दिन उनके साहस, बलिदान और राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करने का है। उनका बलिदान सामाजिक जागरण से समानता लाने की दिशा में प्रेरणा का स्रोत है।

गौरतलब है कि क्रांतिकारी टंट्या भील जनजातीय समुदाय में टंट्या मामा और भारतीय रॉबिनहुड के रूप में जाने जाते हैं। वे स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख योद्धा थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया और समाज के गरीब एवं वंचित वर्गों की मुक्त हस्त से मदद की। क्रांतिकारी टंट्या मामा का जन्म 26 जनवरी 1842 को मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पंधाना में हुआ था। क्रांतिसूर्य टंट्या मामा की समाधि पातालपानी में स्थापित है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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