भोपाल, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार आज (शनिवार को) उच्च न्यायालय से लेकर जिला न्यायालय सहित श्रम न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय, उपभोक्ता फोरम, म.प्र. भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण एवं तहसील स्तर पर तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण राजीनामे के लिए रखे जाएंगे।
जिला विधिक सहायता अधिकारी मिथिलेश डेहरिया ने बताया कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 135 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए आयोजित इस नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्न समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को नियम एवं शर्तों के अधीन प्रीलिटिगेशन एवं लीटिगेशन स्तर पर छूट दी जाएगी। प्री-लिटिगेशन स्तर पर कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक्र वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
इसी तरह प्री-लिटिगेशन स्तर पर कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छः माही चक वृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उपरोक्तानुसार छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगी। इसके लिये आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा।
जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आसिफ अहमद अब्बासी ने पक्षकारों से अपील की है कि वे अपने मामले अधिक से अधिक संख्या में नेशनल लोक अदालत के समक्ष प्रस्तुत करवाकर प्रावधानित छूट का लाभ प्राप्त करें।
(Udaipur Kiran) तोमर