Madhya Pradesh

वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए भारत का उभरता शक्ति केंद्र बन रहा है मध्य प्रदेश

सीएम मोहन यादव (फोइल फोटो)

भोपाल, 5 फरवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय बजट 2025 में निवेश, नवाचार और प्रतिभा विकास को आर्थिक वृद्धि के प्रमुख कारकों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसी दृष्टिकोण के अनुरूप मध्य प्रदेश जीसीसी नीति 2025 वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसीएस) के लिए एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रहा है।

जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार टियर-2 शहरों में जीसीसीएस को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा विकसित करेगी। मध्य प्रदेश पहले से ही इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। जीसीसी नीति 2025 के तहत 50 से अधिक जीसीसीएस को आकर्षित करने, 37,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित करने और राज्य के तेजी से बढ़ते आईटी/ आईटीईएस पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाने की योजना बनाई गई है।

उन्होंने बताया कि बजट में निवेश, अर्थव्यवस्था और नवाचार को प्रमुख विकास चालक बताया गया है। जीसीसीनीति के तहत राज्य जीसीसी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पेरोल सब्सिडी, इंटर्नशिप सहायता और अनुसंधान प्रोत्साहन उपलब्ध करा रहा है, जिससे वैश्विक उद्यमों को कुशल कार्यबल और अनुकूल व्यावसायिक माहौल मिल सके।

सरकार वैश्विक भागीदारी के साथ पांच उत्कृष्टता केंद्र (सीओईएस) स्थापित करेगी, जो उन्नत तकनीकों में कौशल विकास को बढ़ावा देंगे। मध्य प्रदेश पहले से ही इस दिशा में पहल कर चुका है और एआई व साइबर सुरक्षा में सीओईएस का समर्थन कर रहा है। 50 प्रतिशत परियोजना लागत सब्सिडी के साथ डीप-टेक अनुसंधान और कौशल विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए आई) में शिक्षा और अनुसंधान को नया स्वरूप देने के लिए 500 करोड़ रुपये के एआई उत्कृष्टता केंद्र की घोषणा की गई है। मध्यप्रदेश पहले से ही प्रति इकाई एक करोड रुपए के अनुसंधान एवं विकास (आर एडं डी) समर्थन तथा सीओई विकास के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी की व्यवस्था कर रहा है, जिससे एआई में अत्याधुनिक नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

निजी क्षेत्र के अनुसंधान और नवाचार को गति देने के लिए 20,000 करोड रुपये के कोष की घोषणा की गई है। राज्य पेटेंट सहायता, आर एंड डी अनुदान और 30 करोड रुपये तक की पूंजीगत (कैपेक्स) सब्सिडी प्रदान कर रहा है, जिससे मध्यप्रदेश वैश्विक अनुसंधान और नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।

सरकार ने 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स के विस्तार का प्रावधान किया है, जिससे छात्रों में रचनात्मकता और तकनीकी कौशल को बढ़ावा मिलेगा। राज्य कौशल विकास केंद्रों को कौशल विकास और नवाचार केंद्र स्थापित करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिससे युवा प्रतिभाएं भविष्य के लिए तैयार हो सकें।

मध्य प्रदेश पहले से ही भारत की कौशल विकास केंद्र परिवर्तन यात्रा में अग्रणी है। सक्रिय नीतियों, रणनीतिक निवेश और नवाचार-प्रेरित दृष्टिकोण के साथ, राज्य भारत का अगला वैश्विक जी सी सी शक्ति केंद्र बनने के लिए तैयार है।

(Udaipur Kiran) तोमर

Most Popular

To Top