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जबलपुर, 10 जनवरी (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 32 साल पुराने भूमि अधिग्रहण विवाद को लेकर रीवा कलेक्टर पर 25 हजार रूपये जुर्माना लगाने के साथ जिला प्रशासन एवं कलेक्टर दोनों को फटकार लगाई है। रीवा जिले के किसान राकेश तिवारी ने अपनी जमीन जो की जबरदस्ती अधिग्रहित कर ली गई थी को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
किसान राकेश तिवारी की सवा एकड़ जमीन 1983 में यह कह कर अधिग्रहित की थी,कि यह जमीन रीवा हाउसिंग बोर्ड द्वारा कॉलोनी के निर्माण के लिए ली जा रही है। इसको लेकर किसान को न तो कोई सूचना दी गई एवं ना ही इसका कोई मुआवजा दिया गया। वर्ष 2015 में किसान को जब हाउसिंग बोर्ड का नोटिस मिला जिसमे उसे जमीन खाली करने के लिए आदेशित किया गया था। जिसको लेकर किसान ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर शरण ली। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन का कार्य जनता को परेशान करना नहीं बल्कि उसकी सेवा करना है। इसके साथ ही कलेक्टर प्रतिभा पाल को अपने कर्तव्यों के पालन को लेकर फटकार लगाई, साथ ही आदेश दिया कि किसान राकेश तिवारी को उनकी जमीन वापस लौटाई जाए। यदि प्रशासन को उक्त जमीन चाहिए तो नए नियमों के अनुसार किसान से संपर्क कर उसे मुआवजा देना होगा।
जस्टिस अग्रवाल ने अधिग्रहण प्रक्रिया पर स्पष्ट जवाब न देने के कारण रीवा कलेक्टर पर 25हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। उल्लेखनीय है कि प्रतिभा पाल पहली बार कलेक्टर के रूप में रीवा में पदस्थ है, इसके पहले वे इंदौर में नगर निगम कमिश्नर के पद पर थी, जहां से स्थानांतरित होकर रीवा पहुंची है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
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