जबलपुर 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद और उनकी पत्नी पर 50 लाख रुपए के लोन की जानकारी छिपाकर चुनाव लड़ने के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए दस्तावेजों को सही ठहराया है। आरिफ मसूद और उनकी पत्नी के कर्ज की जानकारी छिपाकर चुनाव लड़ने के मामले में जिन दस्तावेजों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, हाईकोर्ट ने उन दस्तावेजों को सही मान लिया है। मप्र हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गौरव तिवारी ने बैंक के कर्ज दस्तावेजों को सही ठहराया। हालांकि बैंक अधिकारी ने कोर्ट में बयान बदलने की कोशिश की,लेकिन क्रॉस-एग्जामिनेशन के दौरान उन्होंने दस्तावेजों की सच्चाई स्वीकार कर ली। कोर्ट ने दस्तावेजों को प्रमाणिक मानते हुए आरिफ मसूद के आवेदन को खारिज कर दिया।
विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ इलेक्शन पिटिशन में आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने और उनकी पत्नी के नाम पर बैंक से लिए गए कर्ज की जानकारी निर्वाचन आयोग से छिपाई। मसूद ने इन दस्तावेजों को जाली बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जबलपुर हाईकोर्ट भेजते हुए निर्देश दिया था कि याचिका पर संज्ञान लिया जाए।
हाईकोर्ट ने सुनवाई में देरी पर कड़ा रुख अपनाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इलेक्शन पिटिशन पर दो माह में सुनवाई पूरी होनी चाहिए। लगातार टलती सुनवाई को अनुचित बताते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आगे से ऐसी देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह द्वारा दायर इलेक्शन पिटिशन में जनवरी 2024 से सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट ने आरिफ मसूद के आवेदन को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 3 जनवरी निर्धारित की गई है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक