जनजातीय वर्ग के होनहार विद्याथियों के विदेश में पढ़ने के सपने को साकार कर रही विदेश अध्ययन योजना
भोपाल, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) । देश में पढ़-लिखकर अपना भविष्य बनाना तो आम बात है। पर विदेश में उच्च अध्ययन करके सफलता की ऊंचाईयों को छूना आसान नहीं होता। किसी होनहार विद्यार्थी का विदेश में पढ़ने का सपना अधूरा न रह जाये, इसके लिये मध्यप्रदेश सरकार ने खुद आगे आकर विदेश में पढ़ने के आकांक्षियों का हाथ थाम लिया है।
जनसंपर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार द्वारा ऐसे विद्याथियों (जो विदेश स्थित किसी बड़े प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थान में दाखिला लेकर पढ़ना चाहते हैं) को प्रोत्साहन देने के लिये विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में होनहार विद्यार्थियों को विदेश में अध्ययन के लिये पात्रतानुसार छात्रवृत्ति दी जाती है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2003-04 से वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में (10 सितम्बर 2024 तक) इस योजना के अंतर्गत 70 विद्यार्थियों का चयन किया जा चुका है। योजना का लाभ पाकर अब तक 62 विद्यार्थी विदेश अध्ययन के लिये प्रस्थान कर चुके हैं। इनमें से अधिकांश विद्यार्थी विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी कर स्वदेश लौट चुके हैं।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत वित्त वर्ष 2003-04 में एक, 2004-05 में दो, 2005-06 में दो, 2006-07 में चार, 2007-08 में पांच, 2009-10 में एक, 2010-11 में एक, 2012-13 में एक, 2014-15 में तीन, 2015-16 में तीन, 2016-17 में चार, 2017-18 में तीन, 2018-19 में छह 2019-20 में चार, 2020-21 में दो, 2021-22 में छह, 2022-23 में आठ एवं वर्ष 2023-24 में छह विद्यार्थी उच्च अध्ययन के लिये विदेश भेजे गये। योजना में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में चयनित एक-एक विद्यार्थी तथा वर्ष 2024-25 में चयनित छह विद्यार्थियों को उनके द्वारा चाहे गये संस्थानों में उच्च शिक्षा अध्ययन के लिये विदेश भेजने की कार्यवाही की जा रही है।
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत