भोपाल, 6 जनवरी (Udaipur Kiran) । राजधानी भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास पर सोमवार से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के जनता दरबार लगाने की खबर सुनकर प्रदेश भर से लोग पहुंच गए, लेकिन यहां जनता दरबार की कोई तैयारी नहीं थी। अधिकारियों ने लोगों से शिकायती आवेदन लिए और समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया, लेकिन मुख्यमंत्री से न मिल पाने के कारण लोग निराश नजर आए।
सीहोर जिले के चंदेरी गांव का किसान एमएस मेवाड़ा अन्य किसानों के साथ कार में छोटा सा हल लेकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि टीवी और अखबारों में यह खबर देखी थी कि आज मुख्यमंत्री जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। ऐसे में हम लोगों ने सोचा कि हमारे सीहोर जिले के चंदेरी, नयाखेड़ा रामपुर के किसानों को सड़क न होने से समस्या हो रही है। मुख्यमंत्री को हल भेंट करेंगे और साफा बांधकर उनका स्वागत करेंगे, ताकि हमारे गांव की रोड की समस्या हल हो जाए। हमारे गांव रायपुर नयाखेड़ा में अनुसूचित जाति बस्ती में रोड नहीं है। उसकी फाइल वल्लभ भवन में चल भी रही हैं। हमें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री जी मिलेंगे लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
वहीं, मुख्यमंत्री निवास पहुंची मैहर जिले के लटा गांव की साधना गौतम ने बताया कि उनके भाई ने भोपाल के कटारा हिल्स इलाके में एक बिल्डर से फ्लैट खरीदा था। बिल्डर ने उनके भाई की हत्या करवा दी। अब भाई का फ्लैट खाली पड़ा होने के बावजूद वहां बिल्डर उन्हें तरह-तरह से परेशान कर रहा है। साधना ने बताया कि उनके फ्लैट पर शराब पीकर बहुत सारे लोग आते हैं। मेरे और मेरे पति के ऊपर आरोप लगाए जाते हैं कि मैं और मेरे पति गांजा बेचते हैं, हमें गांजा बेचने के आरोप में थाने में बंद करने की धमकियां दी जा रही हैं। थाने में शिकायत करने पर टीआई ने गाली-गलौज की और 181 पर की गई शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। तीन-चार गुंडे मुझे इतना परेशान कर रहे हैं कि मैं अपने बच्चों को लेकर दूसरों के घर में पड़ी हुई हूं। मेरे रहने के लिए घर तक नहीं है। मैं आज मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आई थी। लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई।
वहीं, बुरहानपुर से आई सरिता पटेल ने बताया कि गौरव और निरंजन नागर से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारे घर की बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया गया है। बाथरूम के बाहर कैमरे लगा दिए गए हैं, जहां हमारी बच्चियां नहाती हैं। मैं यहां 10 बार भोपाल मुख्यमंत्री के ऑफिस आ चुकी हूं लेकिन यहां पर आवेदन ले लेते हैं, कोई कार्रवाई नहीं होती। पुलिस थाने से लेकर वहां के सारे अधिकारी मिले हुए हैं। मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं। सरिता ने बताया कि अधिकारी कहते हैं कि आपका मामला कोर्ट में चल रहा है। अगर कोर्ट में चल भी रहा है तो बिजली काट देना और पानी की सप्लाई न देना यह कहां का न्याय है? आज सोचा था कि मुख्यमंत्री को अपनी बात बताऊंगी, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। इसी तरह आवेदकों भी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे।
(Udaipur Kiran) तोमर