– सतपुड़ा क्षेत्र में ट्राइएसिक युग के जीवाश्मों पर शोध के लिए हुआ भारत-जर्मनी के बीच एमओयूभोपाल, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों जर्मनी के प्रवास पर हैं। अपने जर्मनी प्रवास के दूसरे दिन शुक्रवार की शाम उन्होंने स्टटगार्ट स्थित स्टेट म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के म्यूजियम पहुंचने पर प्रो. डॉ. लार्स क्रागमेन और उनकी टीम ने आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान मध्य प्रदेश सरकार और जर्मनी के शोधकर्ताओं के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
जनसम्पर्क अधिकारी बिन्दु सुनील ने जानकारी देते हुए बताया कि एमओयू से सतपुड़ा क्षेत्र में पाए गए ट्राइएसिक युग के जीवाश्मों पर संयुक्त शोध किया जा सकेगा। इससे भारतीय और जर्मन शोधकर्ता प्राचीन डाइनोसॉर और उनके समकालीन प्रजातियों के पारिस्थितिकी तंत्र को समझने में मदद करेंगे। यह शोध विशेष रूप से उन पारिस्थितिकीय स्थितियों को समझने के लिए महत्वपूर्ण होगा, जिनमें ये प्रजातियाँ पाई जाती थीं।
बताया गया कि एमओयू हो जाने से अब सतपुड़ा क्षेत्र में नई खुदाई की जाएगी, जिससे ट्राइएसिक कॉन्टिनेंटल पर्यावरण और जलवायु के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इस सहयोग का उद्देश्य जीवाश्मों की खुदाई, संरक्षण और प्रदर्शनी की प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इसे मध्यप्रदेश के राज्य संग्रहालय के माध्यम से प्रदर्शित और प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही वैश्विक शोधकर्ताओं के लिए इन जीवाश्मों पर अनुसंधान भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि स्टटगार्ट स्टेट म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री अधिकारिक रूप से 1791 में स्थापित किया गया था। यह जर्मनी के सबसे पुराने प्राकृतिक ऐतिहासिक म्यूजियमों में से एक है। इसमें प्राचीन जीवाश्म और डायनासोरों के अवशेषों का विशाल संग्रह है। इसमें लगभग ग्यारह मिलियन से अधिक वस्तुएं भी संग्रहित हैं।
(Udaipur Kiran) तोमर