Madhya Pradesh

मप्र विधानसभाः शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा, सरकार ने पेश किया पहला अनुपूरक बजट

मध्य प्रदेश विधानसभा

भोपाल, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सदन में जमकर हंगामा। इसी बीच राज्य सरकार का पहला अनुपूरक बजट भी सदन में पेश किया गया। इस पर बुधवार को चार घंटे चर्चा होगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई है।

मप्र की 16वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही की शुरुआत भी हंगामे के साथ हुई। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे कर्ज के विरोध में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक हाथों में कटोरा लेकर विधानसभा पहुंचे। विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने जमकर नारेबाजी की। दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने निकले थे, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

दरअसल, महिला सुरक्षा, किसान समस्या और बेरोजगारी को लेकर भोपाल में समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। विधानसभा घेरने निकले कार्यकर्ताओं को पुलिस ने लिंक रोड नंबर एक पर मयूर पार्क के पास रोक लिया। यहां बैरिकेडिंग की गई थी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। हालांकि, बाद में सभी को छोड़ दिया गया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने कहा कि हम जेल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर मुद्दे पर फेल है। किसान परेशान हैं। एमएसपी नहीं मिल रही है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। हम इस सरकार को उखाड़ फेकेंगे। आज यहां से आंदोलन की शुरुआत हो रही है। इसके बाद हर जिले में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की पहल पर महिला सशक्तिकरण के नाम पर शुरुआती सात सवाल महिला विधायकों ने किए। पहला सवाल सीधी विधायक रीति पाठक ने किया। उन्होंने सीधी विधानसभा में दो पुलिस चौकियां खोलने की मांग की। इस पर गृहमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से जवाब देने के लिए अधिकृत राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने यह कहकर चौकी खोलने की अनुमति को अमान्य कर दिया कि इसके नियमों में पेंच है।

इसके बाद ध्यानाकर्षण के दौरान तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में दिल्ली से कई गुना बड़े शराब घोटाले को अंजाम दिया गया है। यह 10000 करोड़ का घोटाला है। साल 2015-16 में जो एफडीआई घोटाला इंदौर में हुआ था, मैंने उसको लेकर ध्यान आकर्षण लगाया था। उसके जवाब में आबकारी विभाग ने स्वीकार किया कि 71 करोड़ का घोटाला हुआ है। अकेले इंदौर में 71 करोड़ का घोटाला हो गया तो पूरे मध्य प्रदेश में हजारों करोड़ों का घोटाला होगा। अब तो ईडी-सीबीआई दोनों इसकी जांच कर रहे हैं। 6-7 साल से मामले की जांच चल रही है और दोषी अधिकारी खुलेआम घूम रहे हैं। इसमें तात्कालिक मंत्री शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उनको जेल भेजा जाना चाहिए।

कुलपति का नाम कुलगुरु करने का विरोध, पीएम पर टिप्पणीविधानसभा में मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय विधि संशोधन विधायक 2024 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कुलपति का नाम कुलगुरु करने का विरोध किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद सदन में हंगामा हो गया और सत्ता पक्ष तथा कांग्रेस के विधायक तेज आवाज में बहस करने लगे। मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी कांग्रेस के सीनियर नेताओं को लेकर टिप्पणी की। जब शोर शराबा नहीं थमा तो अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि, एक तरफ हम आचरण की बात करते हैं। दूसरी तरफ इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। इस पर उमंग सिंघार ने कहा कि, मंत्री जी को भी अपने शब्द वापस लेना चाहिए।

12 विश्वविद्यालयों में पहले ही कुलपति का नाम कुलगुरु कर चुके

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भोज मुक्त विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय समेत पांच विश्वविद्यालय में कुलपति के स्थान पर कुलगुरु नाम लिखने का प्रस्ताव सदन में आया था, यहां की कार्य परिषद ने इसे मंजूरी दी है। इसलिए इसे संशोधन में विधेयक में शामिल किया गया है। परमार ने यह भी बताया कि 12 विश्वविद्यालयों में पहले ही कुलपति का नाम कुलगुरु कर चुके हैं। 53 निजी विश्वविद्यालय में भी संशोधन कर कुलपति का नाम कुलगुरु किया जा चुका है। अब जो बाकी विश्वविद्यालय बचे हैं। उसमें यह कार्रवाई की जा रही है।

मंत्री परमार ने कहा कि, भारत ही ऐसा देश है। जिसने अपनी भाषा पर गर्व नहीं किया। विदेशी भाषाओं पर गर्व किया, इसलिए नई शिक्षा नीति में भारत की भाषा पर काम करने पर जोर दिया जा रहा है। मंत्री परमार ने कहा कि, विश्वविद्यालय सिर्फ अपनी परीक्षाएं आयोजित करते हैं। पीएससी या अन्य किसी परीक्षा से विश्वविद्यालय का मतलब नहीं होता है। मंत्री ने बताया कि 1736 पदों के लिए डिमांड पीएससी को भेजी गई है। मंत्री के प्रस्ताव के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के सभी सदस्यों की सहमति से मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय विधि संशोधन विधेयक 2024 को पारित घोषित किया।

विधानसभा में इसके साथ ही 22 हजार 460 करोड़ 18 लाख 6 हजार 621 रुपये का सरकार का पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया। इस पर बुधवार को 4 घंटे चर्चा होगी। इसके बाद अनुपूरक बजट पारित किया जाएगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2024 सदन में पेश किया गया। सदस्यों से चर्चा के बाद विधेयक पारित हुआ। वहीं, मां शारदा देवी मंदिर संशोधन विधेयक 2024 पारित किया गया। इस संशोधन विधेयक में मंदिर के अध्यक्ष सतना कलेक्टर की जगह मैहर कलेक्टर होंगे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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