Madhya Pradesh

मप्र विधानसभाः खाद पर चर्चा के दौरान विपक्ष का हंगामा, सात विधेयक हुए पारित

मध्य प्रदेश विधानसभा

भोपाल, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को खाद को लेकर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ। करीब चार घंटे चली चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने अपनी बात रखी। कांग्रेस ने किसानों को खाद नहीं मिलने और खाद की कालाबाजारी होने का आरोप लगाया। वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि खाद का कोई संकट नहीं है।

सरकार की ओर से दिए जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस ने जमकर नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के हंगामे के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार रात करीब 10 बजे तक चली। इसी बीच सरकार ने गुरुवार को सदन में सात विधेयक भी पारित करा लिए।

विधानसभा में खाद पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार कहती है कि हमारे पास खाद है तो लाइन क्यों लग रही है? किसान अपनी फसल उगाने के लिए खाद मांगता है, जो नहीं मिल पा रही है। अगर सरकार पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करा रही है तो किसान परेशान क्यों है? इसका मतलब है कि कालाबाजारी हो रही है, पर कार्रवाई नहीं हो रही है। कर्ज और खाद के कारण किसान आत्महत्या न करें, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।

कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री को पत्र लिखा, लेकिन खाद का संकट कम नहीं हुआ। खाद की जब किसान को जरूरत होती है तो नहीं मिल पाती। जब खेती का समय आता है तो बिजली गायब हो जाती है। कांग्रेस विधायक दिनेश जैन बोस ने कहा कि किसान को आपदा की स्थिति में राहत राशि देने के लिए सरकार के पास पर्याप्त फंड है, लेकिन नहीं दिया जाता है।

किसान कल्याण मंत्री एदल सिंह कंसाना ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में खाद है, चूंकि यूक्रेन युद्ध के चलते 25 दिन देरी से आया,‌‌ इसलिए व्यवस्था में थोड़ी दिक्कत हुई है। मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की जरूरत के प्रति बहुत संवेदनशील है। प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं थी और न ही अभी कोई दिक्कत है। सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि 25 में से 5 से 7 विधायकों ने ही खाद के संकट पर बात की है। प्रदेश में कभी भी खाद का संकट नहीं रहा। कांग्रेस के समय में थानों से संगीनों के साए में खाद बंटती थी, जबकि भाजपा सरकार में समिति से खाद बांटी जाती है।

भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि कुछ लोग खाद के नाम पर राजनीति करना चाहते हैं जबकि प्रदेश में खाद का वितरण लगातार सुधर रहा है। जो भी संकट है वह आने वाले समय में धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। भाजपा विधायक अनिरुद्ध माधव मारू ने कहा कि खाद संकट की असली वजह किसानों को समितियां से खाद नहीं देना है। डिफाल्टर होने के कारण जब उन्हें खाद नहीं मिलता तो बाजार में जाते हैं और खाद के लिए भटकते हैं। समितियां से खाद ब्लैक में बेच दी जाती है, इसे सुधारने की जरूरत है। बीजेपी विधायक गौरव पारधी ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद देश में ही खाद का उत्पादन शुरू किया गया है‌‌।

गुरुवार को सरकार ने विधानसभा में 7 विधेयक पारित करा लिए। इनमें मध्य प्रदेश माल और सेवा कर तृतीय संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष वेतन तथा भत्ता संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष वेतन तथा भत्ता संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश नगरपालिका निगम संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश नगरपालिका द्वितीय संशोधन विधेयक 2024, मध्य प्रदेश जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2024 और मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन संशोधन विधेयक 2024 शामिल है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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