Madhya Pradesh

मप्र विधानसभाः शीतकालीन सत्र में पहले दिन उठा निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली और यौन शोषण का मामला

मध्य प्रदेश विधानसभा

भोपाल, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। पहले दिन सदन में ध्यानाकार्षण के दौरान निजी स्कूलों के संचालन में अनियमितता, मनमानी फीस वसूली और यौन शोषणा का मुद्दा उठा। सत्ता पक्ष के विधायक और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से इस संबंध में नीति बनाने की मांग की। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री केन्द्र सरकार द्वारा बनाई गई नई शिक्षा का हवाला देते हुए निजी स्कूलों की अव्यवस्थाओं पर अंकुश लगाने का आश्वासन दिया।

मप्र की 16वीं विधानसभा की शुरुआत हाल ही में मप्र में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित हुए विधायकों के शपथ ग्रहण से हुई। प्रश्नकाल के बाद पूर्व मंत्री एवं भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह ने ध्यानाकार्षण प्रस्ताव के जरिए अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सागर जिले के माल्थोन में एक विद्यालय में बच्चों का यौन शोषण हुआ और उसके माता-पिता शिकायत कर चुके हैं। प्रदेश में इस तरह की घटनाएं कई स्कूलों में हो रही है। अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के नाम पर व्यापार चल रहा है। सरकार को इस मामले में कोई नीति बनाना चाहिए। ताकि जो फर्जी शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं, उन पर अंकुश लगे और बच्चों का भविष्य खराब न हो।

इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने जवाब दिया, लेकिन भूपेंद्र सिंह जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि आदर्श कॉन्वेंट स्कूल की मान्यता निरस्त नहीं की। अधिकारियों ने जांच के नाम पर औपचारिकता की। क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के लोगों में आक्रोश जैसा कुछ नहीं है। मान्यता निरस्त की गई थी। संस्था कोर्ट से स्थगित करवा लाई।

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि स्कूल शासकीय भूमि पर चल रहा है। यह राजस्व का मामला है। तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने का भी नोटिस दिया है। मामला मैं एक घण्टे में ठीक कर लूंगा। ध्यानाकर्षण का विषय नहीं था, लेकिन इसके माध्यम से प्रदेश के मामले उठाने का प्रयास है। मप्र में कई स्कूल नियम विरुद्ध चल रहे हैं। कुछ निजी स्कूल शासकीय जमीन पर हैं। कुछ स्कूल में खेल के मैदान नहीं। कुछ में यौन शोषण हुआ। फर्जी शैक्षणिक संस्थाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार नीति लाए।

उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी लिखकर दें कि जनता में रोष व्याप्त नहीं है। लेकिन मंत्री को यह उत्तर विधानसभा में नहीं पढ़ना चाहिए। मंत्रीजी से आग्रह है कि अधिकारियों का ऐसा जवाब न पढ़ें, मैं क्षेत्र का विधायक हूं। मैं भी वहीं से विधायक हूं और मुझे वहां की स्थिति पता है। मुझे ही गलत बताया जा रहा है। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के बाद ही अनुमति की व्यवस्था है। खेल के मैदान अन्य नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। शिक्षण व्यवस्था बेहतरी के लिए लगातार प्रयास है। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्री इतना कह दें कि अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार अच्छी नीति लाएगी तो जनता में अच्छा मैसेज जाएगा। इस पर राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि समय के साथ आपको अंतर दिखेगा। मैं यह बात जिम्मेदारी से कह रहा हूं।

इसी मामले में भाजपा विधायक ओमप्रकाश सखलेचा ने पूछा कि मंत्रीजी बताएंगे कि प्रदेश में ऐसे कितने शिक्षण संस्थान चल रहे हैं? यह स्थिति नीमच जिले में भी है। एक्शन प्लान क्या है? इस पर कैलाश विजयवर्गीय में कहा कि यह सुझाव अच्छा है। लेकिन ध्यानाकर्षण के बाहर का विषय है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मंत्री चिंता और भावना से अवगत हो गए हैं।

इससे पहले प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक सुरेश राजे ने ग्वालियर जिले में मनरेगा में कराए गए कामों में अनियमित की शिकायत की। पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने जांच कराने की बात की। वहीं, विधायक जयवर्धन सिंह गुना जिले के राघोगढ़ के महाविद्यालय को लेकर पूछा, यहां कितने शिक्षकों की नियुक्ति की गई। विद्यार्थियों को किन संकायों में प्रवेश दिया गया है। पूर्व में इस मामले में सदन में जो जानकारी दी गई थी वह गलत थी। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने गलती मानी।

इसके बाद शून्यकाल के दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बांग्लादेश विजय दिवस का जिक्र किया। उन्होंने भारतीय सेना के शौर्य के प्रति सम्मान प्रकट करने का अनुरोध किया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के प्रस्ताव को स्वीकार किया और कहा कि सदन भारतीय सेना के शौर्य के प्रति सम्मान और आदर प्रकट करता है।

ध्यानाकार्षण के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन भत्ता संशोधन और नेता प्रतिपक्ष वेतन भत्ता संशोधन अधिनियम 2024 पुनर्स्थापना विधेयक पेश किया। दोनों ही प्रस्ताव पर अनुमति दी गई। वहीं, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने मैहर के मां शारदा देवी मंदिर पुनर्स्थापना संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। इस पर भी अनुमति दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।

(Udaipur Kiran) तोमर

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