
नैनीताल, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय में महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013) यानी ‘पोश अधिनियम’ के तहत विशेष जागरूकता शिविर व कार्यशाला का मंगलवार को आयोजन किया गया।
विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के दिशा-निर्देशों एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार के मार्गदर्शन में मंगलवार को कार्ययशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल की सचिवव बीनू गुलयानी ने पोश अधिनियम-2013 सभी निजी और सार्वजनिक संगठनों को यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य करता है कि कार्यस्थल महिलाओं के लिए सुरक्षित हो। इस अधिनियम के तहत प्रत्येक संगठन के लिए ‘आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन अनिवार्य है, जो यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों की जांच और समाधान करती है। कोई भी पीड़ित महिला कर्मचारी औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के लिए आईसीसी से संपर्क कर सकती है।
शिकायत दर्ज होने पर आईसीसी दोनों पक्षों की बात सुनती है और 90 दिनों के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी की जाती है। शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की दी जा रही कानूनी सहायता, किशोर न्याय बोर्ड और जरूरतमंद व्यक्तियों को ऑनलाइन कानूनी सेवाओं व नालसा ऑनलाइन पोर्टल और उत्तराखंड एसएलएसए पोर्टल के माध्यम से कानूनी सेवाओं के प्रचार-प्रसार के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ ही उपस्थित महिलाओं और छात्राओं ने सवाल-जवाब के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। शिविर में प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता, विद्यालय की महिला शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
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