Haryana

दवा की खोज में मशीन लर्निंग तकनीकों की जरुरतः धनखड

मदिव में आयोजित सेमिनार में मुख्यतिथि का स्वागत करते अधिकारी। -----

दवा खोज की प्रक्रिया को लेकर मदवि में सेमिनार आयोजित

रोहतक, 26 अप्रैल (Udaipur Kiran) । ड्रग डिस्कवरी में कम्यूटेशनल बायोलॉजी और मशीन लर्निंग के अनुप्रयोग ने इस क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं। इन पहलों के माध्यम से दवा खोज की प्रक्रिया को अधिक कुशल, तेज और सटीक बनाया जा सकता है, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर बायोइंफॉर्मेटिक्स द्वारा- ड्रग डिस्कवरी इन कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी एंड मशीन लर्निंग एप्लिकेशन विषयक पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ करते हुए फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज की पूर्व डीन प्रो. राजेश धनखड़ ने यह उद्गार व्यक्त किए। एमडीयू के डा. आरके फाउंडेशन फंड द्वारा वित्त प्रायोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ प्रो. राजेश धनखड़ ने बतौर मुख्यातिथि किया। उन्होंने महत्वपूर्ण विषय पर इस सेमिनार का आयोजन करने के लिए बायोइंफॉर्मेटिक्स विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज की डीन प्रो. मीनाक्षी वशिष्ठ ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि परंपरागत दवा खोज प्रक्रियाएं समय, साध्य और खर्चीली होती हैं। कंप्यूटर सिमुलेशन और एआई प्रक्रिया ने इस प्रक्रिया को अधिक कुशल और सटीक बनाने में सहायता की है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में शोध एवं नवाचार की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं, जिन पर विद्यार्थी एवं शोधार्थी फोकस करें।

जेएनयू, नई दिल्ली के बायोइंफॉर्मेटिक्स स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंसेज के प्रोफेसर और वैज्ञानिक प्रो. शंकर अहमद तथा डॉ. बीआर अंबेडकर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च, नई दिल्ली की प्रो. मधु चोपड़ा ने बतौर विशिष्ट वक्ता शिरकत की। दोनों प्रतिष्ठित वक्ताओं ने दवा की खोज में मशीन लर्निंग तकनीकों और बायोइंफॉर्मेटिक्स दृष्टिकोण की महत्वपूर्ण भागीदारी के बारे में बात की है। वक्ताओं ने दुनिया भर में दवा की खोज के क्षेत्र में सार्थक काम किया है और प्रतिभागियों को जुनून के साथ अपने रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया।

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(Udaipur Kiran) / अनिल

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