
रांची, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर (तिरुपति बालाजी) मंदिर में वैशाख कृष्णपक्ष की वरूथिनी एकादशी व्रत के अवसर पर गुरूवार को प्रभु से अनुग्रह और कई अनुष्ठान किया गया। मौके पर कहा गया कि वैष्णव आगम की पांचरात्र शाखा के विशाल साहित्य में सैंकड़ों संहिताएं हैं । इसमें नारद पांचरात्र को विशेष महत्त्व प्राप्त है। इन्हीं नारद पांचरात्र के विधान से प्रातः 4.30 बजे कृपालु भगवान् का विश्वरूप दर्शन कराकर मुमुक्षु चिन्तकों को मोक्षरूप कृपा प्रदान करनेवाले श्रीपद्मावती वल्लभ भगवान श्री दंपति का तिरूवाराधना हुआ। फिर दूध, दही, हरिद्राचूर्ण चंदन, नारियल युक्त जल, गंगाजल, शहद और केसर से महाभिषेक हुआ।
इसके बाद सर्वव्यापक परब्रह्म परमात्मा श्रीमन्नारायण सहित श्रीदेवी, श्रीभूमिदेवी आयुधवर चक्रराज सुदर्शन, उत्सव विग्रह, भोग विग्रह और श्रीपति भगवान को रेशमी वस्त्र धारण कराया गया। साथ ही रजनीगंधा और गुलाब के पुष्प मालाओं से भव्य श्रृंगार किया गया। इसके बाद महाआरती करके नैवेद्य भोग लगाकर वेद, उपनिषद और श्लोकों से स्तुति की गई। उद्यास्तमन सेवा सहित महाभिषेक के यजमान मुकेश टिंवडेवाल पत्नी नमीता अग्रवाल थे। वहीं अर्चक सत्यनारायण गौतम, गोपेश आचार्य और नारायण दास ने दिनभर के अनुष्ठानिक कार्यक्रम को विधिवत्त संपन्न कराया। मौके पर राम अवतार नरसरिया, अनूप अग्रवाल, घनश्याम दास शर्मा, प्रदीप नरसरिया, रंजन सिंह, गौरी शंकर साबू, आनंद प्रकाश अग्रवाल सक्षम अग्रवाल ओम प्रकाश गोरोदिया और प्रेम मोदी के अतिरिक्त सहित अन्ये मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
