मथुरा, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । ब्रज में राधाष्टमी मनाई जा रही है। श्रीकृष्ण जन्म उत्सव के 15 दिन बाद ब्रज में सबसे बड़ा उत्सव आज सम्पन्न हुआ। लाखों की संख्या में श्रद्धालु ब्रजभूमि में पहुंचे हैं। बरसाना में राधारानी के अवतरित होने पर 11 क्विंटल पंचामृत से उनका अभिषेक हुआ।
बुधवार भोर में राधाष्टमी पर राधारानी का जन्म हुआ तो हर ओर जयकारे गूंजने लगे। दर्शन के लिए चारों दिशाओं से श्रद्धालु उमड़ पड़े। आराध्य के दर्शन के लिए लाखों की भीड़ उमड़ी। जन्म से पूर्व रात दो बजे लाड़ली मंदिर बधाई गायन के बाद चार बजे वेद मंत्रों से गूंज उठा। रात दो बजे से मंगल बधाइयों का गायन किया गया। इसमें दाई, मान, संवासनी, नाइन, नामकरण लीलाओं के पदों का प्रस्तुतिकरण किया गया। बुधवार सुबह चार बजे से मंदिर के गर्भ ग ृह में घंटे-घड़ियाल बजने लगे। भक्त राधारानी के जयकारे लगा रहे थे। सेवायतों ने ब्रजाचार्य नारायन भट्ट द्वारा प्रकट विग्रह को चांदी की चौकी में विराजमान किया तो कमल पुष्पों के सौंदर्य से अपने सौभाग्य पर चौकी मुस्करा उठीं। मंदिर के सेवायत परिवारों के आचार्य वेद मंत्रों का उच्चारण करने लगे। मूल नक्षत्र में जन्मी राधारानी का बुधवार सुबह चार बजे से लगातार एक घंटा अभिषेक किया गया। दूध, दही, शहद, गाय का घी, इत्र, बूरा, 27 पेड़ों की पत्तियां, 27 जगह की रज, 27 कुओं का जल, सप्त अनाज, सात मेवा, सात फल से बारी-बारी से वृषभानु नंदनी के विग्रह का अभिषेक किया। यमुना जी सहित सात नदियों के जल से भी स्नान कराया गया। अभिषेक के उपरांत सुबह 5ः30 बजे महारानी को पीले रंग की पोशाक धारण कराई गई। राधा जन्म को देखकर श्रद्धालु बरसाने वाली की जय, वृषभानु नंदनी की जय जयकार करने लगे। सेवायतों ने युगल स्वरूप की आरती उतारी। सुबह करीब आठ बजे राधारानी ने शीश महल से भक्तों को दर्शन दिए। कृष्ण की आल्हादिनी शक्ति के अवतरित होने की खुशी में नंदगांव से लोग दूसरे दिन भी बधाई लेकर पहुंचे। वृषभानु जी को लाली के जन्म की बधाई देने के बाद यह लोग वृषभानोत्सव में जमकर थिरके।
(Udaipur Kiran) / महेश कुमार