हुगली, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । अपनी मौसी के घर पर आठ दिन बिताने के बाद भगवान जगन्नाथ देव नौवें दिन रथ पर सवार होकर सोमवार को बलराम और सुभद्रा के साथ अपने घर लौटे। श्रीरामपुर में महेश में आयोजित होने वाले उल्टी रथ यात्रा के दिन भक्तों की काफी भीड़ थी। सोमवार को उल्टे रथयात्रा से पहले बारिश के बाद मौसम बेहद सुहावना था। मौसी के घर पर सुबह से ही जगन्नाथ देव बलराम सुभद्रा की पूजा की जा रही थी। अपराह्न चार बजे रथ की रस्सी को खींचना शुरू हुआ। गोलियों की आवाज के साथ भक्त रथ की रस्सियों को खींचने लगे। गोलियों की आवाज से ही रथ का पहिया रुक गया।
दरअसल, महेश के रथ की रस्सी खींचने के दौरान गोली चलाई जाती है और गोलियों की आवाज से ही महेश का रथ रुकता है। महेश रथ यात्रा इस परंपरा को सालों से निभाया जा रहा है। रथयात्रा को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी रैंक के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। इस दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इसी बीच पारंपरिक रीति-रिवाज के मुताबिक पुलिस की बंदूक से यह गोलाबारी की गई और भगवान जगन्नाथ, बलराम सुभद्रा वापस जगन्नाथ मंदिर लौट आए। साथ ही 628 साल पुरानी रथ यात्रा का समापन हुआ।
(Udaipur Kiran) / धनंजय पांडे / गंगा राम