Uttrakhand

नित्यानंद जी का सम्पूर्ण जीवन समाज को समर्पित रहा : लोकेंद्र

विचार गोष्ठी

हरिद्वार, 10 फरवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं सदैव मानव सेवा को समर्पित रहे डॉ नित्यानंद जी की 99वीं जयंती पर संघ शताब्दी वर्ष के अंतर्गत पंच परिवर्तन में निहित नागरिक कर्तव्य विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में लोकेन्द्र जी विभाग कार्यवाह हरिद्वार रहे जबकि अध्यक्षता देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ रितुध्वज ने की।

मुख्य वक्ता लोकेन्द्र जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि डॉ. नित्यानंद का जीवन नागरिक कर्तव्य का प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करके समाज को दिशा देने का कार्य किया। डॉ. नित्यानंद जी बाहर से कठोर दिखते थे परन्तु भीतर से सरल, सहज और आत्मीयता से पूर्ण थे। अपने परिवार के प्रति सभी दायित्वों के निर्वहन के साथ ही समाज और देश के प्रति जो भी हमारा दायित्व है उसका बोध ही नागरिक कर्तव्य के अंतर्गत आता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. रितुध्वज ने कहा कि सभी अधिकार की बात करते हैं.. कर्तव्यों की अनदेखी करके कोई भी व्यक्ति अपने अधिकारों को प्राप्त नहीं कर सकता। राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं निष्ठा हम सभी के कर्तव्यों में सम्मिलित होनी चाहिए। आज आवश्यकता है इस प्रकार के सामाजिक चिंतन की जो हमें हमारे कर्तव्यों के विषय मेंं जागरूक करे।

विदित हो कि डॉ नित्यानंद जी का जन्म 9 फरवरी 1926 को आगरा में हुआ था। उनका संपूर्ण जीवन शिक्षा और सेवा के लिए समर्पित रहा। बहुत ही छोटी उम्र से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। अठारह वर्ष की उम्र में वे संघ के प्रचारक बने। भाउ राव देवरस जी की प्रेरणा से उन्होंने राष्ट्र सेवा का संकल्प लिया। उत्तराखंड के इतिहास में उनका नाम सदैव अंकित रहेगा। इस अवसर पर अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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