HEADLINES

लोकसभा ने रेलवे की अनुदान मांगों को दी मंजूरी

रेल मंत्री वैष्णव

नई दिल्ली, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । रेल मंत्रालय के लिए अनुदान की मांगें गुरुवार को तीखी बहस के बाद लोकसभा में पारित हो गईं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्षी सदस्य की टिप्पणी पर भड़क गए और कहा कि मौजूदा सरकार सहानुभूति बटोरने में नहीं बल्कि सुधार के लिए कड़ी मेहनत करने में विश्वास रखती है।

सदन में यह हंगामा तब शुरू हुआ जब रेल मंत्री वैष्णव ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली स्थापित करने पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में एटीपी विकसित करने का फैसला किया, कवच का पहला परीक्षण 2016 में हुआ और 2019 में इसे एसआईएल-4 प्रमाणन प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि 2022 में इस प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए 3,000 किलोमीटर लंबी परियोजना शुरू की गई और 2024 में कवच के संस्करण 4.0 को मंजूरी दी गई। वैष्णव ने कहा कि रेल दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण ट्रैक की खराबी को बड़ी चिंता के साथ संबोधित किया गया है।

इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि यूपीए शासन के दौरान हर साल औसतन 171 दुर्घटनाएं होती थीं। अब इसमें 68 प्रतिशत की कमी आई है, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभी भी काम किया जाना बाकी है और सभी इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।

लोकसभा में अपने संबोधन में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, हम रील बनाने वाले लोग नहीं हैं। हम कड़ी मेहनत करते हैं, न कि आप लोगों की तरह दिखावे के लिए रील बनाते हैं।” वैष्णव ने लोकसभा में गरजते हुए कहा कि कांग्रेस की झूठ की दुकान अब नहीं चलेगी।

लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगर रेलवे में भर्ती की बात करें तो यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 तक रेलवे में सिर्फ़ 4 लाख 11 हज़ार कर्मचारियों की भर्ती हुई थी, जबकि 2014 से 2024 तक यानी एनडीए के 10 सालों में ये संख्या 5 लाख 2 हज़ार हो जाती है, जिसकी सालों से मांग हो रही थी। रेलवे भर्ती के लिए एक वार्षिक कैलेंडर हो, हमने इसे जनवरी 2024 में घोषित कर दिया है। जो युवा रेलवे में जाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, उनके लिए अब साल में 4 बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में वैकेंसी निकलती हैं। अभी भी 40,565 वैकेंसी विज्ञापित हैं जिन्हें भरा जाना है।

रेल मंत्री ने कहा कि लोको पायलटों के औसत काम करने और आराम करने का समय 2005 में बनाए गए एक नियम के अनुसार तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को ज़्यादा सुविधाएँ दी गईं। सभी रनिंग रूम – 558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत ज़्यादा कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से ज़्यादा लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे देश की जीवन रेखा है और एक महत्वपूर्ण संगठन है जिस पर देश की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आगामी 50 अमृत भारत ट्रेनों में 13 नए सुधार शामिल किए जाएंगे। उन्होंने घोषणा की कि 150-200 किलोमीटर की दूरी के लिए डिज़ाइन की गई वंदे मेट्रो ट्रेन का वर्तमान में परीक्षण किया जा रहा है और इससे यात्री सेवाओं में सुधार होगा।

उन्होंने उल्लेख किया कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए, वंदे स्लीपर ट्रेन विकसित की जा रही है, जिसकी पहली ट्रेन पहले ही बन चुकी है और वर्तमान में इसका परीक्षण चल रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वंदे भारत, अमृत भारत, वंदे मेट्रो और वंदे स्लीपर ट्रेनों के संयोजन से आने वाले वर्षों में यात्री सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार / रामानुज

Most Popular

To Top