



कोलकाता, 8 जून (Udaipur Kiran) । कोलकाता स्थित स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास में आज रविवार को ‘लोक प्रज्ञा’ की ओर से एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा में शीर्ष दस स्थानों पर आने वाले छात्रों तथा विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों और उनके मां-बाप को सम्मानित किया गया।
राज्य संयोजक सोमसुभ्र गुप्ता ने बताया कि इस आयोजन में कुल 96 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। इनमें माध्यमिक स्तर (कक्षा 10) के 52 छात्र शामिल थे, जिनमें 38 छात्र और 14 छात्राएं थीं। उच्च माध्यमिक स्तर (कक्षा 12) के 35 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जिनमें 23 छात्र और 12 छात्राएं शामिल थीं। इन सभी विद्यार्थियों को उनके माता-पिता के साथ मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि नौ ऐसे विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने शिक्षा, कला, संस्कृति, और खेल के विभिन्न मंचों पर असाधारण प्रदर्शन किया है। इनमें एक पांच वर्षीय बालक भी शामिल है, जिसने पूरी श्रीमद्भगवद गीता को कंठस्थ किया है और मंत्रों का शुद्ध उच्चारण मंत्रध्वनि के साथ प्रस्तुत करता है। इसके अलावा ‘खेलो इंडिया’ जैसे मंचों पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी विशेष सम्मान दिया गया।
कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद के पैतृक आवास के महाराज स्वामी मातृस्वरूपानंद ने मधुर भजनों की प्रस्तुति दी। वहीं, महेश रामकृष्ण आश्रम के महाराज स्वामी शिवेशानंद ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए कहा, “गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस के आदेश पर स्वामी विवेकानंद ने मातृशक्ति को सशक्त बनाकर एक वैभवशाली राष्ट्र के निर्माण का जो सपना देखा था, वह ऐसे आयोजनों और मातृशक्ति के सम्मान के माध्यम से ही साकार होगा।”
इस भव्य आयोजन में स्वस्तिका पत्रिका के पूर्व संपादक डॉ. विजय आध्या, साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स के वैज्ञानिक प्रो. डॉ. दुलाल सेनापति, और सेवानिवृत्त कर्नल कुणाल भट्टाचार्य भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में दर्शकों की संख्या लगभग 500 रही।
समारोह का समापन ‘वंदे मातरम्’ और ‘शांति मंत्र’ के सामूहिक पाठ के साथ किया गया। आयोजकों ने इसे स्वामी विवेकानंद की विचारधारा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक प्रेरणास्पद प्रयास बताया।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
