Madhya Pradesh

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग: मंदिर में अर्पित फूलों और बेलपत्रों से स्थानीय महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग:

– आस्था के साथ पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

भोपाल, 27 मई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का पवित्र तीर्थ स्थल, श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आध्यात्मिकता के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अनूठा कदम उठाया गया है। श्री ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट ने जिला प्रशासन और ‘पुष्पांजलि इकोनिर्मित’ के सहयोग से मंदिर में अर्पित फूलों और बेलपत्रों के पुनर्चक्रण की एक अभिनव पहल शुरू की है, जो न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

जनसम्पर्क अधिकारी महेश दुबे ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले फूलों और अन्य पूजन सामग्री को अब बेकार नहीं जाने दिया जाता। ट्रस्ट द्वारा इन फूलों को एकत्रित कर स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों के हाथों में सौंपा जा रहा है। ये इन फूलों को मूल्यवर्धित उत्पादों में बदल रही हैं।

उन्होंने बताया कि ‘पुष्पांजलि इकोनिर्मित’ संस्था इन महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण, मशीनें और आवश्यक सहयोग प्रदान कर रही है। इससे वे अगरबत्ती, धूपबत्ती, हवन सामग्री, प्राकृतिक जैविक खाद और प्राकृतिक रंग जैसे उत्पाद तैयार कर रही हैं।

स्व-सहायता समूह के यह उत्पाद न केवल मंदिर परिसर में, बल्कि स्थानीय बाजारों में भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जिससे इन महिलाओं की आय में वृद्धि हो रही है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। मंदिर में चढ़ावे के फूलों को भगवान का प्रसाद मानकर उपयोगी संसाधन में बदलकर यह मॉडल ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को भी सशक्त रूप से समर्थन दे रहा है।

श्री ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के इस प्रयास को जिला प्रशासन का भी पूर्ण समर्थन प्राप्त है। यह साझेदारी न केवल पर्यावरण की रक्षा कर रही है, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है। यह मॉडल तीर्थ स्थल पर आस्था, पर्यावरण और आत्मनिर्भरता के संगम को दर्शाता है। श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग अब केवल आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि एक ऐसा उदाहरण बन रहा है जो यह साबित करता है कि आस्था और पर्यावरण संरक्षण एक साथ चल सकते हैं। इस राह पर चलकर महिलाएं समाज की नई शक्ति बनकर उभर रही हैं।

(Udaipur Kiran) तोमर

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