CRIME

दस लाख का मुद्रा लोन दिलाकर पौने तीन करोड़ का कर दिया एक ओर लोन घोटाला

लोन माफिया लक्ष्य तंवर की फाइल फोटो

-लोन माफिया लक्ष्य तंवर के खिलाफ एक और मामला दर्ज

गाजियाबाद, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । अरबों रुपये के लोन घोटाले मामले में जेल में बंद लोन माफिया लक्ष्य तंवर के खिलाफ एक और आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। मुकदमे में लक्ष्य तंवर पर एक फर्म के नाम पर 10 लाख का मुद्रा लोन दिलाया। लेकिन उसी दौरान पाैने तीन करोड़ का एक और लोन कराकर गुपचुप तरीके से सारा पैसा खुद गटकने का आरोप लगाया गया है।

पीड़ित राजनगर एक्सटेंशन की ऑफिसर सिटी-1 में अनुज शर्मा हैं। वह सिद्ध इंटरप्राइजेज नाम से फर्म चलाते हैं। फर्म में भारी नुकसान होने से वह कर्जदार बन गए। तब उन्होंने अपने ममेरे भाई संजीव शर्मा को अपनी स्थिति और नुकसान होने की जानकारी दी। संजीव ने मदद का आश्वासन देकर अपने साथी लक्ष्य तंवर से मिलवाया। पीड़ित के मुताबिक लक्ष्य तंवर ने अनुज की नोएडा एक्सटेंशन स्थित सम्पत्ति के बिल्डर बायर एग्रीमेंट कागज कब्जे में रखकर 12 लाख रुपये उधार दे दिए। इस रकम का ब्याज अनुज ममेरे भाई संजीव शर्मा को देते रहे। ब्याज न देने पर संजीव ने अनुज के साथ बदतमीजी की। अनुज ने लक्ष्य तंवर से उधार ली रकम लौटाने में असमर्थता जताई, तो उसने उनकी सिद्ध इंटरप्राइजेज पर मार्च 2016 को 10 लाख का मुद्रा लोन दिला दिया। साथ ही पीड़ित से बैंक की चेक बुक पर हस्ताक्षर कराकर ले लिए। इससे आरोपितों ने अवैध तरीके से लेनदेन किया।

आरोप है कि मुद्रा लोन के दौरान खाता खोलने और लोन दिलाने के नाम पर आरोपितों ने बैंक के कागजात पर हस्ताक्षर कराए थे। जिनके जरिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर चंद्रनगर की पीएनबी शाखा से अनुज इंटरप्राइजेज फर्म के नाम पर 2.75 करोड़ का लोन ले लिया। अनुज का कहना है कि पाैने तीन करोड़ के लोन में विनीता छाबड़ा और सीता मेहता को गारंटर बनाया गया है। जिन्हें वह जानते ही नहीं हैं। आरोप है कि यह दोनों लक्ष्य तंवर गिरोह के सदस्य हैं।

एसीपी नंदग्राम के मुताबिक इस फर्म से कई खातों में लेनदेन हुआ है। साथ ही लोन की रकम भी हड़प ली है। एसीपी ने कहा कि पीड़ित की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।

पिछले काफी वक्त से इसी तरह के बैंक फ्रॉड के मामलों में लक्ष्य तंवर डासना जेल में बंद है। लक्ष्य तंवर द्वारा किए गए कई बड़े लोन घोटालों की जांच सीबीआई भी कर रही है। सीबीआई इन मामलों में बैंक के कई अफसरों और कर्मचारियों को भी जेल भेज चुकी है।

—————

(Udaipur Kiran) / फरमान अली

Most Popular

To Top