पटना, 11 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पारस) कार्यालय काफी विवाद के बाद आज खाली कर दिया गया है। बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने रालोजपा प्रमुख को कार्यालय खाली करने का नोटिस दिया था। कार्यालय को लगभग खाली कर दिया गया है। सरकार ने रालोजपा को पार्टी खाली करने के लिए 13 नवम्बर तक का समय दिया था जिसके बाद आज कार्यालय को खाली कराया गया है।
पशुपति पारस ने अपने कार्यालय को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उन्होंने दिल्ली में अमित शाह से लेकर पटना हाईकोर्ट में भी रिट दायर की। लेकिन उनके तमाम कोशिशों का कोई फायदा नहीं हुआ। अमित शाह ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाईकोर्ट ने दो सप्ताह पहले ही बंगला रहने देने की याचिका खारिज कर दी थी।
बिहार सरकार ने सभी मान्यता प्राप्त दलों को पटना में ऑफिस के लिए सरकारी बंगला देने का प्रावधान किया हुआ है। 2005 में ही पटना एयरपोर्ट के पास व्हीलर रोड के एक नंबर बंगले को लोक जनशक्ति पार्टी के ऑफिस के लिए राज्य सरकार की ओर से अलॉट किया गया था। दरअसल, बंगले का अलॉटमेंट दो साल के लिए होता है।
उल्लेखनीय है कि हर दो साल के बाद सरकार अलॉटमेंट को और दो साल के लिए बढ़ाती है। पिछले लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस की पार्टी ने किसी सीट पर चुनाव ही नहीं लड़ा। जिसके कारण उनकी पार्टी में ना कोई विधायक रहा औऱ ना सांसद.. लिहाजा, उऩकी पार्टी की मान्यता समाप्त हो गयी। इसके बाद 13 जून 2024 को बिहार सरकार ने लोक जनशक्ति पार्टी के नाम पर आवंटित बंगले का अलॉटमेंट रद्द कर दिया था।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी